ब्राह्मण संसद में दहाड़े जयहिंद,ब्राह्मणों को गर्दन बचाने के लिए फरसा उठाना पड़ेगा

समाज के ठेकेदारों को सुनाई खरी-खोटी , कहा -ब्राह्मण समाज बोदा नहीं नेता बोदे हैं, जो आवाज नहीं उठा रहे

नंद सिंगला
पंचकूला,2 जुलाई। पंचकूला में आज ब्राह्मण संसद का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से समाज के भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया,जिसमें विभिन्न दलों से जुड़े नेता भी शामिल थे। ब्राह्मण संसद में समाज के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान समाज के अनेक लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। 

म्हारे बड़े-बड़े नेताओं के कुर्ते खींच लिए

ब्राह्मण संसद में नवीन जयहिंद ने कहा कि केवल बोलना नहीं काम भी करना चाहिए। आधे तो कांग्रेसी हो गए और आधे बीजेपी के। जब समाज की बात आती है तो इनमें से कोई भी नहीं बोलता। कटाक्ष करते हुए कहा कि म्हारे बड़े-बड़े नेताओं के कुर्ते खींच लिए और धक्के मारकर स्टेजों से नीचे उतार दिया। लेकिन कोई नहीं बोला। समाज के ठेकेदार जाकर अपने बच्चों की नौकरी मांगते रहे।

समाज बोदा नहीं है, नेता बोदे हैं

नवीन जयहिंद ने कहा कि जब उसने खुद फर्सा उठाया तो लोगों ने कहा कि यह सभ्य समाज के काम नहीं है। क्या भगवान परशुराम सभ्य नहीं थे। जब फर्से से गर्दन उतारने की बात कही जाती है तो कोई नहीं बोलता। क्योंकि वह उनकी पार्टी का है। समाज बोदा नहीं है, नेता बोदे हैं इस समाज के।

लठ लेकर सड़क पर उतरना पड़ेगा

उन्होंने कहा कि लोग ब्राह्मणों को गाली देते हैं तो बोलने वाला कौन होगा। एक बागड़ बिल्ला ब्राह्मणों का डीएनए बता रहा था। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण संसद करने वाले साथी बधाई के पात्र हैं। लेकिन लठ लेकर सड़क पर उतरना पड़ेगा। JNU में ब्राह्मणों के खिलाफ नारे लगे, तब भी हमने ही आवाज उठाई।

केरल तक भागते रहना

ब्राह्मणों की जमीन पर कब्जा किया हुआ था। उस मामले में भी सरकार ने तीन केस किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे किसी भी पार्टी में नहीं है। जो भी समाज के लिए लड़ाई लड़ेगा, उसके साथ खड़े हैं।  कैथल में दो बागड़ बिल्ली सरकार की सय पर ब्राह्मणों के विरोध में बोले।जब तक गाली सुने जाएंगे तो जैसे कश्मीर से भागए हैं, वैसे ही केरल तक भागते रहना।  

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