कामकाजी महिलाओं के 6 महीने से 6 साल तक के बच्चे 8 से 10 घंटे क्रेच में रह सकेंगे
राजकुमार सिंह
चंडीगढ़ ,26 जुलाई। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से तैयार हरियाणा राज्य क्रेच पॉलिसी-2022 को अधिसूचित कर दिया गया है। इसके साथ ही हरियाणा क्रेच पॉलिसी लाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
क्रैच वर्कर को 15 हजार रुपये
राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए यह पॉलिसी बनाई गई है। 6 महीने से 6 साल तक के बच्चे को क्रेच में एडमिशन दिया जाएगा। 8 से 10 घंटे तक बच्चे के रखने के अनुकूल क्रेच स्थापित होंगी। क्रैच वर्कर को 15 हजार रुपये और सहायिका को साढ़े 7 हजार रुपये सैलरी दी जाएगी।
सारा खर्च सरकार वहन करेगी
महिला एवं बाल विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा के मुताबिक 50 से अधिक कर्मचारियों वाले सभी संस्थानों को क्रेच खोलना अनिवार्य होगा। क्रेच महीने में 26 दिन खुले रहेंगे। बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर पेरेंट्स और स्टाफ के आई डी कार्ड भी बनाए जाएंगे। क्रेच में हर वक्त वर्कर और सहायिका की बच्चों पर नजर रहेगी। क्रेच में बच्चे को सुबह का नाश्ता, लंच और शाम को स्नैक्स भी दिया जाएगा। क्रेच में बच्चों के सोने और फीडिंग रूम की भी व्यवस्था होगी,जिसका सारा खर्च सरकार वहन करेगी।
क्रेच का ये रहेगा शुल्क
कामकाजी महिलाओं के ऑफिस की क्रेच से अधिकतम दूरी 500 मीटर निर्धारित की गई है। क्रेच के लिए जिस परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है उन्हें प्रत्येक बच्चे के लिए 50 रुपये शुल्क देना होगा। एक लाख से 1.80 लाख पर 100 रुपये, 1.80 लाख से तीन लाख पर 250 रुपये, तीन लाख से 5 पांच वार्षिक आय पर 350 रुपये, पांच लाख से अधिक पर 500 रुपये हर महीने देने होंगे।
मोबाइल क्रेच ऑर्गनाइजेशन के साथ MOU
आपको बताते चले कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ही 500 क्रेच खोलने के निर्देश जारी कर चुके हैं। प्रदेश में अभी तक 16 जिलों में 165 क्रेच चालू किए जा चुके हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अच्छी क्वालिटी और आधुनिक सुविधाओं से लैस क्रेच स्थापित करने के लिए मोबाइल क्रेच ऑर्गनाइजेशन के साथ एमओयू साइन किया जा चुका है।
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