कोर्ट का दरवाजा खटाखटाने के साथ साथ सीबीएसई की मान्यता छोड़ने पर मजबूर होंगे स्कूल प्रबंधक
By. राजकुमार सिंह
चंडीगढ, 9 अगस्त। सीबीएसई के फैसलों से असंतुष्ट क्षेत्र के प्राइवेट स्कूलों ने चेताया है की तुगलकी फरमान वापस लिये जाये वर्ना वे अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिये मजबूर होंगे । प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों ने चंडीगढ़ प्रैस कल्ब में आयोजित एक प्रैस वार्ता के दौरान स्पष्ट किया कि यदि सीबीएसई का यही रवैया रहा तो वे सीबीएसई बोर्ड से कन्नी काट लेंगें।
नियम प्रदेश सरकार के लागू होंगें
प्रैस वार्ता के दौरान स्कूल संगठनों ने सीबीएसई के खिलाफ खुल कर मोर्चा खोल दिया है। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के लगभग तीन हजार स्कूलों के प्रतिनिधियों ने साफ कर दिया कि सीबीएसई मात्र परीक्षा संचालन करने वाली ऐजेसी है। वे बार बार कह चुके हैं कि स्कूलों में नियम प्रदेश सरकार के लागू होंगें। फिर भी सप्ताह में सीबीएसई कोई न कोई आर्डर जारी कर प्राईवेट स्कूल प्रबंधकों को परेशानियों में डाल देते हैं।
75 हजार रुपये जमा करवाने होंगें
हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कांफ्रेंस के अध्यक्ष एसएस गोंसांई व वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश चन्द्र, फेडरेशन आफ प्राईवेट स्कूल एंड ऐसोसियेशन आफ पंजाब के अध्यक्ष जगजीत सिंह ,लीगल कनवीनर संजीव कुमार सैनी और चंडीगढ़ स्थित इंडीपेंडेंट स्कूल्स ऐसोसियेशन के महासचिव आरडी सिंह ने संयुक्त रुप से कहा कि नियमों में साफ तौर पर लिखा गया है कि दो एकड़ में बने स्कूल संचालक 48 सेक्शन बना सकते हैं। लेकिन इस साल सीबीएसई ने नया फरमान निकालते हुये कहा है कि यदि कोई स्कूल नया सेक्शन का गठन करता है तो उसे 75 हजार रुपये जमा करवाने होंगें।
40 बच्चों तक पढ़ाये जाने का प्रावधान रखा
उन्होंनें बताया कि पहले एक सेक्शन मे 40 से 50 विद्यार्थियों को पढ़ा सकते थे। लेकिन सीबीएसई ने एक अन्य आदेश जारी कर एक सेक्शन में 40 बच्चों तक को पढ़ाये जाने का प्रावधान रखा है। यदि ऐसे में किसी कक्षा में 81 विद्यार्थी हो जाये तो स्कूल संचालकों को मजबूर होकर तीन सेक्शन बनाने होंगे जो कि एक बच्चे के लिये अतिरिक्त सेक्शन बनाना असंभव है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस बात पर भी रोष जताया कि सीबीएसई द्वारा टीचर ट्रेनिंग के नाम पर ज्यादा जोर दिया जा रहा, जिसके कारण टीचर्स का ध्यान ट्रेनिंग की तरफ ज्यादा हो जाता है। क्लास के स्टूडेंट्स पर अपना ध्यान नहीं दे पाते हैं।