बड़ी चौपाल पर बिखरेगी सांस्कृतिक छठा, मेले का पूरा थीम दिवाली त्योहार पर रहेगा केंद्रित
By. राजकुमार सिंह
चंडीगढ़,04 अक्टूबर। हरियाणा सरकार द्वारा विश्व प्रसिद्ध सूरजकुंड मेला परिसर में पहली बार दीवाली मेले का आयोजन किया जाएगा। यह मेला तीन नवंबर से शुरू होकर दस नवंबर तक चलेगा। पर्यटकों के उत्साह को देखते हुए हरियाणा पर्यटन विकास निगम इस मेले को भी भव्य व आकर्षक बनाने की तैयारियों में जुट गया है।
देश–विदेश की कला–संस्कृति
हरियाणा पर्यटन विभाग निगम के एमडी नीरज कुमार ने बताया कि अरावली की पहाडि़य़ों की मनोरम छठा के बीच मौजूद सूरजकुंड मेला परिसर अपने अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले को लेकर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। उन्होंने बताया कि फरवरी माह में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में हर साल लाखों पर्यटक देश-विदेश की कला-संस्कृति, खान-पान, हैंडीक्राफ्ट का आनंद लेने व खरीदारी के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार पर्यटकों की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मेला परिसर मे पहली बार दीवाली मेला आयोजित करने का तोहफा दिया है।
बड़ी चौपाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम
उन्होंने बताया कि सूरजकुंड मेला परिसर में पहली बार लगने वाले दीवाली मेले के लिए परिसर के एक तिहाई क्षेत्र को ही प्रयोग किया जाएगा। शुरुआत में पहले साल करीब 300 स्टाल ही तैयार किए जाएंगे। इस मेले को दीवाली के सामान व त्यौहार से जुड़ी खरीददारी पर केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेले में बड़ी चौपाल पर लगातार सांस्कृतिक कार्यक्रम चलेंगे जिसमें पूरी तरह से भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं की झलक दिखाई देगी। इसके साथ ही दीपोत्सव खास आकर्षण रहने वाला है।
विशेष तौर पर फूड कोर्ट
उन्होंने बताया कि प्राचीन सूरजकुंड को दीपों से सजाकर दीपोत्सव करने के लिए आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से अनुमति लेने के लिए पत्र भी लिखा गया है। उन्होंने बताया कि मेले में खान-पान के लिए विशेष तौर पर फूड कोर्ट सजाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मेले का उद्देश्य पर्यटकों के त्योहारी सीजन को खास बनाना है और इसके लिए हरियाणा पर्यटन विकास निगम तैयारियों को बेहतरीन बनाने में जुटा है।