आज का लेखक भयभीत अवस्था में जी रहा है और साहित्य का तेवर नहीं दे रहा दिखाई: वेद व्यास

हमें किताबों को बचाना है, क्योंकि किताबों में मुहब्बत बची हुई है

नवराज टाइम्स नेटवर्क      

चूरू,05 अक्टूबर। राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर की ओर से चूरू जिला मुख्यालय स्थित दादाबाड़ी सभागार पुरस्कार एवं सम्मान समारोह 2023-24 में प्रदेश के 70 हिंदी साहित्यकारों को पुरस्कार एवं सम्मान प्रदान किए गए। अकादमी अध्यक्ष दुलाराम सहारण, मुख्य अतिथि नामचीन प्रगतिशील लेखक वेद व्यास एवं उपाध्यक्ष सुनीता घोघरा ने साहित्यकारों को पुरस्कार प्रदान किए।

संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए

मुख्य अतिथि राजस्थान साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष वेद व्यास ने कहा कि आज का लेखक भयभीत अवस्था में जी रहा है और साहित्य का जो तेवर होना चाहिए, वह दिखाई नहीं दे रहा है। आज ऐसे लेखक नजर नहीं आ रहे हैं जो दलितों और गरीबों के अधिकार के लिए माक्र्स की परम्परा को समझे, आज वो लेखक नहीं दिख रहे जो नेहरू की तर्ज पर भारत की खोज करे। उन्होंने कहा कि साहित्यकार को समय के सत्य को लिखना होगा। देश में संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए कलम के सिपाही को आगे आना होगा।

किताबों में मुहब्बत बची हुई है

राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने कहा कि अकादमी लेखकों एवं साहित्य की सेवा के लिए है। लेखकों के लिए यह बोलने का समय है। हमें बोलना होगा और बोलने के खतरे भी उठाने होंगे। प्रख्यात हिंदी लेखक अरूण माहेश्वरी ने कहा कि समाज में बढ़ती हुई दौलत बढ़ती हुई गरीबी के रूप में दिखाई देती है। प्रख्यात हिंदी लेखिका सरला माहेश्वरी ने कहा कि हमें किताबों को बचाना है क्योंकि किताबों में मुहब्बत बची हुई है।

धरती को बिछौना कर आकाश ओढ़ रहे हैं

लेखिका लक्ष्मी रूपल ने कहा कि ईश्वर ने जब प्रतिभा बांटी तो गांव-ढाणी, महानगर का फर्क नहीं किया। प्रख्यात लेखक नंद भारद्वाज ने कहा कि लेखक अपने समय और समाज का प्रतिनिधि होता है। वरिष्ठ लेखक रत्न कुमार सांभरिया ने अपनी कृति सांप के बारे में बताया कि यह उन लोगों के बारे में हैं, जो आज भी धरती को बिछौना कर आकाश ओढ़ रहे हैं।

सांभरिया को मीरां पुरस्कार

अकादमी के सर्वोच्च सम्मान ‘साहित्य-मनीषी’ से प्रगतिशील लेखक, चिंतक और विचारक, अकादमी के पूर्व अध्यक्ष वेद व्यास को सम्मानित किया गया। उन्हें सम्मान स्वरूप दो लाख 51 हजार रुपए तथा सम्मान पत्रा प्रदान किया गया। इसी प्रकार अकादमी के जनार्दनराय नागर सम्मान से प्रख्यात आलोचक, विद्वान डाॅ . रणजीत को एक लाख रुपए एवं सम्मान पत्रा देकर सम्मानित किया गया। वर्ष 2023-24 का सर्वोच्च मीरां पुरस्कार जयपुर निवासी रत्नकुमार सांभरिया को उनके उपन्यास ‘सांप’ के लिए दिया जाएगा। उन्हें 75 हजार रुपए एवं सम्मान पत्र प्रदान किया गया।

सुमनेश जोशी प्रथम कृति पुरस्कार

इसी कड़ी में उदयपुर के चेतन औदिच्य को कविता संग्रह ‘पानी’ के लिए सुधींद्र पुरस्कार, जालोर के पुरुषोत्तम पोमल को उपन्यास ‘पाषाण पुत्राी क्षत्राणी हीरा-दे’ के लिए रांगेय राघव पुरस्कार, बीकानेर के आलोचक हरीश बी. शर्मा को कृति ‘प्रस्थान बिंदु’ के लिए देवराज उपाध्याय पुरस्कार, जयपुर के राघवेंद्र रावत को डायरी ‘मारक लहरों के बीच’ के लिए कन्हैयालाल सहल पुरस्कार, अजमेर के रासबिहारी गौड़ को कृति ‘गांधी जिंदा है’ के लिए नाटक विधा का देवीलाल सामर पुरस्कार, कोटा मूल की चेन्नई निवासी रोचिका अरुण शर्मा को कथा कृति ‘किताबों से बातें’ के लिए बाल साहित्य का शंभूदयाल सक्सेना पुरस्कार तथा उदयपुर के बिलाल पठान को ‘अब पेड़ फल बेचेंगे’ को सुमनेश जोशी प्रथम कृति पुरस्कार दिया गया।

इन दिग्गजों को मिला अमृत सम्मान

समारोह  में 2023-24 के अमृत सम्मान से भागीरथ परिहार कोटा, शंकरलाल स्वामी बीकानेर, देवदत्त शर्मा जयपुर, लक्ष्मी रूपल उदयपुर, शिवनारायण वर्मा कोटा, भवानीशंकर गौड़ उदयपुर, रामप्रसाद शर्मा किशनगढ़, खुर्शीद अहमद शेख उदयुपर, नवल किशोर भाभड़ा अजमेर, संतोष कुमार पंछी सादुलपुर, विनोद सोमानी हंस अजमेर, लक्ष्मण लाल योगी बूंदी, आनंदकौर व्यास बीकानेर, प्रफुल्ल प्रभाकर अजमेर एवं रमेश छाबड़ा सूरतगढ़ को सम्मानित किया गया।

इन वरिष्ठों को मिला विशिष्ट सम्मान

इसी प्रकार बीकानेर मूल के अरुण माहेश्वरी, सरदारशहर के अशोक अनुराग, करौली के असद जैदी, जैसलमेर के ओम प्रकाश भाटिया, जयपुर के कृष्ण कुमार रत्तू, कोटा के किशनलाल वर्मा, जोधपुर के कौशलनाथ उपाध्याय, जोधपुर के गुलाबचंद बारासा, जोधपुर के ताराराम मेघवाल, संगरिया के गोविंद शर्मा, बीकानेर के प्रमोद चमोली, जयपुर के प्रेमचंद गांधी, बीकानेर के मधु आचार्य आशावादी, चूरू के बनवारी शर्मा खामोश, बाड़मेर के बंशीधर तातेड़, कोटा के बृजेंद्र कौशिक, जयपुर के बीएल माली अशांत, बीकानेर के बुलाकी शर्मा, जयपुर के नंद भारद्वाज, कोटा के नरेंद्रनाथ चतुर्वेदी, पीलीबंगा के निशांत, बीकानेर के नीरज दइया, बांसवाड़ा के रमेश चंद्र वडेरा, सूरतगढ के राजेश चड्ढा, बीकानेर की रेणुका व्यास नीलम, भरतपुर के वेद प्रकाश शर्मा वेद, श्रीडूंगरढ के श्याम महर्षि, कोटा के शकूर अहमद, अलवर के शंभू गुप्त, जोधपुर के श्रवण कुमार मीणा, श्रीडूंगरगढ के सत्यदीप भोजक, जयपुर के सूरज पालीवाल, बीकानेर मूल की सरला माहेश्वरी, कोटा के सीएल सांखला, जयपुर के हरदान हर्ष एवं जोधपुर के हरिप्रकाश राठी को विशिष्ट साहित्यकार सम्मान से सम्मानित किया गया।