बैंक के नोडल अधिकारी तथा साइबर हेल्पलाइन की टीम बेहतर तालमेल करते हुए रोकेंगे साइबर अपराध
नवराज टाइम्स नेटवर्क
चंडीगढ़ , 20 अक्टूबर- हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बैक अधिकारियों से कहा कि वे अपने बैंक में किसी भी व्यक्ति का खाता खुलवाते समय यह सुनिश्चित करें कि उसका बैंक खाता उसके आधारकार्ड में दिए गए मोबाइल नंबर से लिंक हो। इसे लेकर बैंक के अधिकारी कार्ययोजना बनाएं ताकि साइबर अपराध रोकने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा सके।
इस बैठक में निजी तथा सरकारी बैंक के अधिकारियों के साथ साइबर सुरक्षा को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। एडीजीपी साइबर ओपी सिंह तथा आईजी अंबाला सिबास कविराज ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बैंको के स्तर पर साइबर अपराध रोकने संबंधी चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया।
–बैंकों को तीन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए काम करने के दिए निर्देश
बैठक की अध्यक्षता करते हुए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बैंक के अधिकारियों को तीन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा को लेकर बैंक द्वारा तैनात नोडल अधिकारियों का साइबर हेल्पलाइन पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ प्रशिक्षण करवाएं । दूसरा कपूर ने बैंक के अधिकारियों से कहा कि वे बैंक खाता खोलते समय व्यक्ति के आधारकार्ड में वर्णित मोबाइल नंबर को उसके बैंक खाते से अवश्य लिंक करें ताकि ओटीपी सही नंबर पर जाए। इससे साइबर अपराध को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
तीसरा उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारी संदिग्ध वित्तीय लेन देन पर नजर रखें। प्रत्येक बैंक खाते में वित्तीय लेन देन का एक पैट्रर्न होता है। बैंक अधिकारी इस पैट्रर्न को समझें और ऐसे बैंक खातों में होने वाले संदिग्ध लेन-देन की निगरानी रखते हुए अपने विवेक से आवश्यकता अनुरूप इन्हें ब्लॉक करना सुनिश्चित करें।
बैठक में कपूर ने कहा कि साइबर अपराध को रोकने के लिए टेलीकॉम कंपनियों से भी बैठक की जा रही है ताकि अपराधियों द्वारा साइबर अपराध मेें इस्तेमाल होने वाले सिमकार्ड तथा मोबाइल फोन आदि को ट्रैक करते हुए अपराधी तक पहुंचा जा सके।
कपूर ने कहा कि पिछले दिनों साइबर हेल्पलाइन नंबर – 1930 पर प्राप्त शिकायतो पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए एचडीएफसी बैंक के साथ मिलकर एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था जिनके सकारात्मक परिणाम को ध्यान में रखते हुए अब इस मॉडल को दूसरे बैंकों के साथ लागू किया जा रहा है।
बैठक में उपस्थित एडीजीपी साइबर ओपी सिंह ने कहा कि बैंकों की यह जिम्मेदारी है कि खाताधारकों के बैंक में जमा राशि को सुरक्षित रखा जाए। बैंक के अधिकारियों को चाहिए कि वे अपने यहां व्यवस्था में सुधार करते हुए स्थिति का आंकलन करें। उन्होंने कहा कि बैंक के अधिकारी इस बारे में किसी प्रकार की लापरवाही ना बरते और विषय की गंभीरता को देखते हुए काम करें।
बैठक में आईजी अंबाला सिबास कविराज ने अपने विचार रखते हुए कहा कि एचडीएफसी बैंक के साथ शुरू किए गए इस प्रयोग के तहत अब ज्यादातर मामलों में 30 मिनट तक की समय अवधि में साइबर फ्रॉड होने पर पैसा होल्ड किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आमजन का बैंकों पर भरपूर विश्वास है कि उनकी मेहनत का पैसा बैंकों में सुरक्षित है ऐसे में बैंकों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि लोगों के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाए।