मुख्यमंत्री 8 नवंबर को पिंजौर में करेंगे हॉट एयर बैलून सफारी का शुभारंभ

मोरनी के बाद टूरिज्म का नया केंद्र बनेगा हथनीकुंड, हथनीकुंड बैराज में मुख्यमंत्री करेंगे वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी का शुभारंभ

राजकुमार सिंह

चंडीगढ़,6 नवंबर : भारतीय प्राचीन संस्कृति व आध्यात्मिक दृष्टि से पहचान रखने वाले हरियाणा ने पिछले 9 वर्षों में पर्यटन व तीर्थाटन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। देश की जनसंख्या का 2 प्रतिशत से भी कम प्रतिनिधित्व करने वाला हरियाणा राज्य आज कई क्षेत्रों में देश व विश्व में अपनी धाक जमा चुका है। भले ही पर्यटन की दृष्टि से यहां कम संभावनाएं हों, परंतु विगत 1 वर्षों से मुख्यमंत्री ने हरियाणा को साहसिक खेल गतिविधियों की ओर अग्रसर किया है। मुख्यमंत्री का संकल्प हरियाणा को टूरिज्म के मानचित्र पर अलग पहचान दिलाना है।

मुख्यमंत्री, जो स्वयं साहसिक खेल गतिविधियों में रूचि रखते हैं, ने शिवालिक पर्वत श्रृंख्ला को साहसिक खेल गतिविधियों का केंद्र बनाया है। मोरनी हिल्स के पास टिक्करताल क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स  एक्टिविटी, जेट स्कूटर, पैरा सेल्लिंग औऱ ट्रेकिंग जैसे एडवेंचर खेलों की शुरुआत करने के बाद अब पिंजौर को भी पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री 8 नवंबर, 2023 को पिंजौर में हॉट एयर बैलून सफारी का शुभारंभ करेंगे। इससे एक ओर जहां पर्यटकों को पहले से चल रही पर्यटन की गतिविधियों के अलावा उनकी यात्रा में नया अनुभव साझा करने को मिलेगा तो वहीं पिंजौर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से भी अवगत हो सकेंगे।

देवभूमि हिमाचल का गेट-वे माने जाने वाले पिंजौर का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है, इसे महाभारत कालीन स्थल भी माना जाता है। यह स्थल अपने भीतर हजारों वर्ष पुराने प्राचीन इतिहास को संजोए हुए है। यहां जगह-जगह प्राचीन इतिहास के अवशेष विद्यमान हैं। ऐसी मान्यता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान अज्ञातवास का एक बड़ा समय यहां बिताया था, जिसके प्रमाण आज भी पिंजौर में देखने को मिलते हैं। इतना ही नहीं, यहां स्थित यादविंद्रा गार्डन, जिसे पिंजौर गार्डन भी कहा जाता है, जो बेहद प्रसिद्ध है। यह मुगल गार्डन शैली का एक उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने जिला यमुनानगर में सांस्कृतिक रूप से पहचान रखने वाले व धार्मिक स्थलों जैसे आदीबद्री , लोहागढ़, कपालमोचन, माता मंत्रा देवी सहित अनेक स्थलों को विकसित करने का बीड़ा उठाया है। पवित्र सरस्वती नदी के उद्गम स्थल आदीबद्री को नई पहचान दिलाने की कड़ी में कई प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने सरस्वती हैरिटेज बोर्ड का भी गठन किया है।

हरियाणा में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने व पंचकूला के मोरनी हिल्स में इको-टूरिज्म को बढ़ाने के लिए वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के अलावा ट्रैक, माउंटेन बाइकिंग ट्रैक और कई अन्य गतिविधियों की भी पहचान की गई है। साथ ही मोरनी हिल्स में इको-टूरिज्म को बढ़ाने के लिए वन विभाग को भी जोड़ा गया है। विभाग की ओर से इको-टूरिज्म इवेंट कैंपिंग साइट, ऑफ-रोड ट्रेवलिंग, हर्बल वाटिका की यात्रा इत्यादि की शुरुआत की गई है।

राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। पर्यटन से जुड़े कई अहम  प्रोजेक्ट चल रहे हैं और निश्चित रूप से हरियाणा देश में टूरिज्म के मानचित्र पर अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल होगा।