आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस को कमजोरी की बजाए बनाएं अपनी ताकत : आदित्य कांत 

नवराज टाइम्स नेटवर्क      

कुरुक्षेत्र,16 नवंबर। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर प्रेस क्लब कुरुक्षेत्र व कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के सयुंक्त तत्वावधान में कुवि स्थित सीनेट हॉल में गोष्ठी का आयोजन किया गया। कुवि के कुलसचिव प्रो संजीव शर्मा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पहुंचे। वहीं  एग्जिक्यूटिव एडिटर आदित्य कांत व संपादक योगेश नारायण बतौर मुख्य वक्ता पहुंचे।

अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए

मुम्बई से जुड़ी एंकर अनुपमा व वरिष्ठ पत्रकार विजय सभ्रवाल विशेष रूप से पहुंचे। यहां पहुंचने पर  संस्थान निदेशिका प्रो बिंदु शर्मा, प्रेस क्लब कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष रामपाल शर्मा व चेयरमैन राजेश शांडिल्य ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इस दौरान पत्रकारिता के 50 वर्ष पूरे करने पर वरिष्ठ पत्रकार विजय सभ्रवाल को प्रेस क्लब कुरुक्षेत्र की ओर से स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। इसी के साथ साथ सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए गए।

चुनौतियों से हमे पार पाना है

कुलसचिव संजीव शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता की भूमिका हमेशा प्रभावी रहेगी। उन्होंने सही सटीक सूचना की पहचान करने में लाइब्रेरी साइंस के विज्ञान की भूमिका से अवगत कराया। उन्होने कहा कि भारत युवाओं का देश है और हर युवा के हाथ में एंड्रोयड फोन है। ऐसे में हर खबर डिजिटल रूप से साथ की साथ पहुंच जाती है। एग्जि क्यूटिव एडिटर आदित्य कांत ने कहा कि डिजिटल, आर्टिफिशएल इन्टेलिजेंस ने पत्रकारिता को चुनौतियाँ दी है, लेकिन हमें आतंकित नहीं होना है। इन चुनौतियों से हमे पार पाना है और सही दिशा में पत्रकारिता करनी है।

हमें डर में नहीं जीना

 संस्थान निदेशिका प्रो बिंदु शर्मा ने डिजिटल युग में पत्रकारिता की चुनौतियों की रूपरेखा प्रस्तुत की। संपादक योगेश नारायण दीक्षित ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता निरंतर अपनी अलग पहचान बना रही है। डिजिटल युग में जब उपयोगी सूचना बढ़ी तो हानिकारक सूचनाओं का प्रवाह भी बढ़ा। पर सूचनाओं को छानकर देने की व्यवस्था का पालन करने वाले अखबारों ने पाठकों का भरोसा जीता कि उन्हें पुष्ट सूचना मिलेगी। एंकर अनुपमा ने कहा एआई का प्रभाव बढऩे से हमें डर में नहीं जीना। हमें सिर्फ इतना ध्यान रखना है कि हम पाठकों के उपयोग की नई नई साम्रगी देकर अपनी जगह बनाए। एआई मानव प्रतिभा की असीम परिधि से आगे नहीं निकल पाएगा। वरिष्ठ पत्रकार विजय सभ्रवाल ने कहा की व्यापारिकरण ने पत्रकारिता का स्वरुप बदला है।