नई शिक्षा नीति भारतीय संस्कृति और मातृ भाषा के साथ रोजगार परक भीः राज्यपाल  

नवराज टाइम्स नेटवर्क     
फरीदाबाद,10 दिसम्बर। हरियाणा के राज्यपाल बण्डारू दत्तात्रेय ने कहा कि नई शिक्षा नीति में देश के भावी कर्णधारों के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह रहेगी कि वे अब अपनी ही मातृभाषा में एम.बी.ए, एम.बी.बी.एस,बी.टैक, एम.टैक, बी.एड, इंजीनियरिंग जैसी उच्च शिक्षा सरलता से हासिल कर सकेगें। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय रविवार को पाली स्थित ओम योग संस्थान के रजत जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

रजत जयंती समारोह की बधाई
उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन योग परंपरा का डंका आज पूरे विश्व में बज रहा है । दुनिया के सभी देशों ने योग को अपनाया है और उसको आत्मसात भी किया है। ओउम योग संस्थान ट्रस्ट जैसे संस्थानों का इस योग परंपरा को पूरे विश्व में पहुंचने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आज भव्य आध्यात्मिक समागम देखने को मिला है, इसको देखकर और इसमें भाग लेकर उन्हें  बहुत ही ऊर्जावान अनुभव कर रहा है। उन्होंने संस्था के रजत जयंती समारोह की बधाई देते हुए कहा कि संस्थान में चलाए जा रहे विद्यालय में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ हमारी महान संस्कृति, सभ्यता, चारित्रिक, अनुशासन, सेवा तथा राष्ट्रभक्ति को प्रमुखता दी जाती है। 

समाज को नई दशा और दिशा देने का काम
स्वामी रामदेव ने कहा कि आजादी के आन्दोलन को दिशा और नेतृत्व देने वाले सभी आर्य समाजी महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती के शिष्य थे। उन्होंने महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती की आज 200वी जयंती पर सबको बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं दी। ओउम योग संस्थान ट्रस्ट के योगाचार्य औमप्रकाश ने कहा कि मनुष्य को जीवन जीने के लिए चिन्तन और मनन करने से साकारत्मक दृष्टिकोण का भाव मिलता है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के गर्म दल और नरम दल के नेतृत्व के लिए महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती प्रेरणा के स्रोत बनें थे। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना करके समाज को नई दशा और दिशा देने का काम किया।