ब्रहमस्वरुप ब्रहमचारी महाराज ने सांध्यकालीन महाआरती में की शिरकत
By. अंकित शर्मा
कुरुक्षेत्र, 14 दिसंबर। श्री जयराम विद्यापीठ संस्थाओं के अध्यक्ष ब्रहमस्वरुप ब्रहमचारी महाराज ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की तरफ पूरा विश्व आर्कषित हो रहा है। यह गीता स्थली कुरुक्षेत्र पूरे विश्व को शांति सदभावना का मार्ग दिखाने का काम कर रहा है। इससे पूरे विश्व में संघर्ष मिट जाएगा और शांति सद्भावना बन जाएगी।
गीता महाआरती कार्यक्रम
ब्रहमस्वरुप ब्रहमचारी महाराज वीरवार को देर सायं ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले ब्रहमस्वरुप ब्रहमचारी महाराज, महंत बंसीपुरी महाराज, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, समाज सेवी खरैती लाल सिंगला, केडीबी सदस्य एमके मोदगिल, अशोक रोशा, डा. ऋषिपाल मथाना, युद्घिष्ठïर बहल, कैप्टन अमरजीत सिंह सहित अन्य गणमान्य लोगों ने महाआरती और पूजा-अर्चना की। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया।
संसारिक मोह-माया के बंधन
ब्रहमस्वरुप ब्रहमचारी महाराज ने कहा कि कलयुग से पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की भूमि पर गीता का उपदेश दिया और महर्षि वेद व्यास ने पवित्र ग्रंथ गीता को प्रकट किया। भगवत गीता में एकेश्वरवाद, कर्म योग, ज्ञानयोग, भक्ति योग की बहुत सुन्दर ढंग से व्याख्या की गई है। पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश आज भी हमारे जीवन के रहस्यों को उजागर करते है। भगवत गीता का ज्ञान ही हमें इस संसारिक मोह-माया के बंधन से आजाद कर सकता है।
सबसे प्रसिद्ध पुस्तकों में शामिल
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता वर्तमान में धर्म से ज्यादा जीवन के प्रति अपने दार्शनिक दृष्टिकोण को लेकर भारत में ही नहीं विदेशों में भी लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रही है। निष्काम कर्म का गीता का संदेश विश्व के सभी गीता प्रेमियों को भी लुभा रहा है। पवित्र ग्रंथ गीता विश्व के सभी धर्मों की सबसे प्रसिद्ध पुस्तकों में शामिल है। इस कार्यक्रम के अंत में केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।