हार्ट सहित शरीर के बाकी अंगों में सूजन या इंफेक्शन हो सकता है
नवराज टाइम्स नेटवर्क
ये बात वाकई अजीब लगती है जब कोई कहता है कि दांत की सर्जरी के बाद दिल का दौरा पड़ सकता है। सोचने वाली बात है कि दांत का दिल से क्या कनेक्शन। बहुत से लोग रूट कैनाल थेरेपी को एक रेगुलर डेंटल सर्जरी के तौर पर करवाते हैं ताकि दांतों को डैमेज या इन्फेक्टेड होने से बचाया जा सके। एक सुरक्षित माने जाने के बावजूद रूट कैनाल थेरेपी को लेकर यह डाउट जरूर होता है कि इसका संबंध दिल के दौरे से पढ़ सकता है। इस खबर में आखिर इस बात में कितनी सच्चाई है।
हार्ट अटैक से क्या संबंध है
ऐसे कहा जाता है कि रूट कैनाल ट्रीटमेंट दिल के दौरे या दूसरी हार्ट की समस्याओं से जुड़ा हो सकता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से सच है जिनका हार्ट डिसीज की कोई हिस्ट्री नहीं है। दरअसल ये डर इस बात से निकाल कर आया है कि रूट कैनाल प्रक्रिया के दौरान लोक बैक्टीरिया ब्लड स्ट्रीम में इंटर कर सकते हैं जिससे हार्ट सहित शरीर के बाकी अंगों में सूजन या इंफेक्शन हो सकता है।
ओरल हेल्थ हार्ट डिसीज से जुड़ा है
रूट कैनाल के इस्तेमाल से सीधे हार्ट अटैक होने का पता नहीं चला है। लेकिन हार्ट डिसीज और डेंटल हेल्थ के बीच एक स्ट्रांग कनेक्शन है। बैड डेंटल हाइजीन मसूड़ों की बीमारी जैसी बीमारियों का कारण बन सकती है जो बैक्टीरिया को ब्लड फ्लो में प्रवेश करने की अनुमति देकर हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को बढ़ाती है। मसूड़ों की बीमारी वाले लोगों में हार्ट डिसीज अधिक आम हैं। लेकिन यह जोखिम सीधे रूट कैनाल थेरेपी से जुड़ा नहीं है बल्कि, यह ओवरऑल डेंटल हेल्थ से संबंधित है।
रूट कैनाल क्या है
रूट कैनाल एक डेंटल ऑपरेशन है जिसका उपयोग दांत के कोर से रोगग्रस्त टिशू को निकालने के लिए किया जाता है। आगे के नुकसान को रोकने के लिए डेंटिस्ट खाली जगह को भरकर बैक्टीरिया और सडऩ को हटाते हैं। कोई दांत जिसे निकालने की जरूरत हो सकती है उसे इस तकनीक से बचाया जा सकता है। वैसे तो रूट कैनाल ट्रीटमेंट एक सामान्य प्रक्रिया है इसमें किसी भी तरह के समस्याओं की संभावना बहुत कम होती है। क्योंकि लोकल एनेस्थीसिया देकर इसे किया जाता है।
अगर आप अच्छी ओरल हाइजीन मेंटेन करके रखते हैं और आपके हाथ से जुड़ी कोई समस्या नहीं है तो रूट कैनाल ट्रीटमेंट करवाने के बारे में चिंता करने की कोई वजह नहीं है। यह एक नॉर्मल ट्रीटमेंट है तो आपके हार्ट को कोई बड़ा जोखिम दिए बिना डेंटल हेल्थ को बनाए रखने में मदद करती है। पहले से हार्ट डिजीज वाले मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत जरूर हो सकती है।