उम्मीदवार या राजनैतिक दल को चुनाव प्रचार के लिए वाहनों की अनुमति लेना जरूरी
नवराज टाइम्स नेटवर्क
चंडीगढ़,02 सितम्बर – हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया कि विधानसभा आम चुनाव 2024 की नामांकन प्रक्रिया आरंभ होने के साथ ही चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार के समय रोड शो, चुनाव रैलियों के दौरान जनसाधारण को असुविधा न हो इसके लिए उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना करनी होगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि किसी भी उम्मीदवार या राजनैतिक दल को चुनाव प्रचार के लिए वाहनों की अनुमति लेना जरूरी है, बिना अनुमति के प्रचार में वाहनों का प्रयोग नहीं कर सकते। उम्मीदवार या राजनैतिक दल द्वारा प्रचार के लिए जिन वाहनों का पंजीकरण करवाया गया है उनका विवरण व्यय पर्यवेक्षक को बताना जरूरी है ताकि उनके चुनाव खर्च में जोड़ा जा सकें।
इसके अलावा, किसी भी अतिरिक्त वाहन की तैनाती तभी हो सकती है, जब उम्मीदवार या उसके एजेंट द्वारा वाहनों की वास्तविक तैनाती से काफी पहले इस आशय की सूचना दी गई हो। चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल किए जा रहे वाहनों का ब्यौरा देते समय उन क्षेत्रों, तहसीलों का ब्यौरा भी बताना चाहिए, जिनमें वाहन चलेंगे।
उन्होंने बताया कि चुनाव में प्रचार के लिए वाहनों का उपयोग यातायात नियमों के अनुसार ही करना होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा वाहन को छोड़कर 10 से ज्यादा वाहनों के काफिले को चलने की अनुमति नहीं होगी। वाहनों के बड़े काफ़िले को छोटे छोटे काफिलों में तोड़ा जाएगा और दो काफिलो में कम से कम 100 मीटर का फासला होना चाहिए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जन प्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 160 में परिभाषित साइकिल रिक्शा भी एक ऐसा वाहन है, जिसका उपयोग चुनाव प्रचार के लिए किया जा सकता है। यदि इसका उपयोग किया जा रहा है, तो उम्मीदवार को अपने चुनाव व्यय खाते में इसके व्यय का हिसाब देना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए, उम्मीदवार को अपने चुनाव प्रचार के लिए उपयोग किए जा रहे ऐसे रिक्शा का विवरण देना चाहिए और यदि रिक्शा के पास अपनी पहचान के लिए कोई नगरपालिका पंजीकरण/परमिट नहीं है, तो रिक्शा चालक को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा उसके व्यक्तिगत नाम पर एक परमिट दिया जा सकता है, जिसे रिक्शा चालक को अभियान उद्देश्यों के लिए उस रिक्शा का उपयोग करते समय अपने साथ रखना चाहिए।
उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक मंचों पर या वाहनों पर लगाए गए लाउडस्पीकरों के प्रयोग पर रात 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक प्रतिबंध रहेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी व रिटर्निंग अधिकारी हर प्रकार के चुनाव प्रचार पर निगरानी रखेंगे और नियमों की अवहेलना पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही करेंगे।