किसानों ने खेती के साथ साथ अन्य क्षेत्रों में देश-दुनिया में कमाया नाम – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने लक्की ड्रा निकाल किसानों को इनाम वितरित किए

नवराज टाइम्स नेटवर्क

हिसार, 10 अक्तूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि हरियाणा किसान प्रधान प्रदेश है। यहाँ के किसानों ने कृषि के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में अपना परचम देश और दुनिया में लहराया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल हिसार में आयोजित कृषि मेले के समापन समारोह में किसानों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरणों, खाद-बीज की लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन कर जानकारी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल किसानों को नवाचार और तकनीक बारे ज्ञानवर्धन के लिए कृषि मेला आयोजित किया जाता है। किसानों का उत्साह इस मेले के प्रति बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने हरियाणा को किसान प्रधान प्रदेश बताते हुए कहा कि किसानों ने कृषि के क्षेत्र में बहुत तरक़्क़ी कर ली है। किसानों ने नई फसलों के साथ साथ नकदी फसलों की खेती करनी शुरू कर दी है। सरकार भी किसानों को खेती और तकनीक बारे जानकारी देने के साथ उन्हें प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहन दे रही हैं। किसानों की बदौलत हरियाणा आज तरक्की के मामले में प्रगति के पथ पर अग्रसर है। खेती हमारी जान है तो पहलवान हमारी शान हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों के बेटे-बेटियों ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। अभी हाल ही में हुए एशियन गेम्स में 30 प्रतिशत मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आधुनिकता का युग है। खेती में नई तकनीक और मशीनीकरण का अत्यधिक प्रयोग हो रहा है। किसानों को अब हाथ से ज़्यादा काम नहीं करना पड़ता। आधुनिकता ने किसानों के काम को और सुलभ कर दिया है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों ख़ासकर कृषि विश्वविद्यालय हिसार की प्रशंसा करते हुए कहा कि वैज्ञानिकों ने नए नए बीजों की किस्‍मों की खोज की है, जिससे फसलों का उत्पादन बढ़ा है।

उन्होंने किसानों से अपने खेत की मिट्टी और पानी की जाँच करवाने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे किसानों को अपने खेत में होने वाली फसल और कौन सी खाद उपयोग में लाई जानी सही है, इसकी जानकारी मिलेगी। किसानों से फ़सल विविधीकरण अपनाने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए सरकार भी किसानों को प्रोत्साहन दे रही है। पानी की बचत करने की दिशा में धान के स्थान पर अन्य फसल को बोने पर ७ हज़ार रुपये प्रति एकड़ किसान को दिया जा रहा है।