6260 गांवों में लाल डोरे के भीतर 25.17 लाख प्रॉपर्टी कार्ड बनाये गए
By. राजकुमार सिंह
चंडीगढ़,14 नवंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2014 से लगातार महात्मा गांधी के ग्राम्य विकास के बिना स्वराज की कल्पना नहीं की जा सकती के मूलमंत्र पर चलते हुए ग्राम विकास की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया गया है। इससे न केवल गांवों में विकास की तस्वीर बदली है बल्कि शहरों जैसी सुविधाएं मिली हैं। लाल डोरा खत्म करने के लिए आरंभ की गई स्वामित्व योजना भी लोगों को खूब रास आ रही है।
5 प्रतिशत आरक्षण दिया
गांवों को विकसित करने और विकास कार्यों में तेजी लाने हेतु मुख्यमंत्री ने शक्तियों का विकेंद्रीकरण करने का निर्णय लिया। राज्य सरकार ने ग्रामीण आंचल के गतिशील विकास हेतु पंचायती राज संस्थाओं का सशक्तिकरण करते हुए पंचायतों को स्वायत्ता प्रदान की ताकि वे अपने स्तर पर ही विकास कार्य करवा सकें। इसके लिए पंचायतों को प्रशासनिक व वित्तीय शक्तियां प्रदान की गई। साथ ही, सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग-ए को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया है।
ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ
मुख्यमंत्री ने ई-गवर्नेंस की अवधारणा को मुख्यालय व जिला सचिवालयों में लागू करने के बाद ग्रामीण क्षेत्र में साकार करने की परिकल्पना के तहत गांवों में सचिवालय स्वरूप ग्राम सचिवालय स्थापित करने की पहल की। ग्राम सचिवालयों में पटवारी, पंचायत सचिव, सरपंच इत्यादि के बैठने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, इनमें अटल सेवा केंद्र भी खोले गए हैं, ताकि गांवों के लोग सरकार की ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ एक ही छत के नीचे प्राप्त कर सकें।
मानदेय में अभूतपूर्व वृद्धि की
मुख्यमंत्री का मानना है कि छोटी सरकारों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का प्रतिदिन विधायक, सांसदों व मंत्रियों की तरह जनता से मिलना होता है और कभी –कभी आयोजन भी अपने स्तर पर करना होता है। प्रतिदिन की इस खर्च की प्रतिपूर्ति करने के लिए मुख्यमंत्री ने पंच से लेकर जिला परिषद के अध्यक्षों के मासिक मानदेय में अभूतपूर्व वृद्धि की है। अब पंचों को 1600 रुपये, सरपंचों को 5,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है।