एचएमटी गेट पर संघर्ष समिति धरना प्रदर्शन कर मनाएगी काला दिवस
27 अक्टूबर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में एचएमटी ट्रैक्टर फैक्ट्री पिंजौर को बंद करने का लिया गया था निर्णय
नवराज टाइम्स नेटवर्क
पिंजौर, 26 अक्टूबर। उत्तरी हरियाणा की विशेष कर जिला पंचकूला, कालका, पिंजौर की जीवन रेखा कहलाए जाने वाली एचएमटी ट्रेक्टर प्लांट को जबरन बंद करने के विरोध में एवं एचएमटी की जमीन पर इंडस्ट्रियल प्लांट लगवाने की मांग को लेकर एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक विजय बंसल एडवोकेट के नेतृत्व में आगामी 27 अक्टूबर रविवार को फैक्ट्री बंद करने की तिथि वाले दिन ही एचएमटी गेट पर सुबह 10 बजे धरना प्रदर्शन कर एचएमटी बंद करने के विरोध में काला दिवस मनाया जाएगा। इस धरना प्रदर्शन में एचएमटी फैक्ट्री के पूर्व कर्मचारी पिंजौर कालका और जिला पंचकूला के लोगों सहित युवा और विभिन्न दलों के लोग भी भाग लेंगे।
व्यापारियों के कारोबार पर भी प्रभाव पड़ा
एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक एवं पूर्व चेयरमैन विजय बंसल एडवोकेट ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत 27 अक्टूबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में एचएमटी ट्रैक्टर फैक्ट्री पिंजौर प्लांट को बंद करने का निर्णय लिया गया था,जिसके बाद सभी एचएमटी कर्मचारियों को जबरन वीआरएस लेने पर मजबूर किया गया। जिससे न केवल लगभग 11 00 कर्मचारी बेरोजगार हुए बल्कि उन पर निर्भर अन्य हजारों लोगों के रोजगार और व्यापारियों के कारोबार पर भी प्रभाव पड़ा है।
सरकार का पुतला भी फूंकेंगे
विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि उसके बाद भाजपा सरकार ने कई बार एचएमटी फैक्ट्री को दोबारा से चालू करने का वादा भी किया था। लेकिन 8 वर्ष बाद भी फैक्ट्री को चालू नहीं किया जा सका है। एचएमटी फैक्ट्री बंद होने पर कर्मचारियों और अन्य क्षेत्र वासियों ने कई बार सरकार का विरोध भी किया और हर साल एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति द्वारा 27 अक्टूबर के दिन काला दिवस मनाया जाता है। इसी कड़ी में आगामी रविवार को भी एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य एचएमटी गेट पर बैठकर धरना देंगे और प्रदर्शन करेंगे साथ ही सरकार का पुतला भी फूंकेंगे।
विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि जब तक एचएमटी फैक्ट्री को भाजपा सरकार दोबारा से चालू नहीं करेगी तब तक वह इसी प्रकार धरना प्रदर्शन कर काला दिवस मनाते रहेंगे और जरूरत पड़ी तो फैक्ट्री चालू करवाने के लिए संघर्ष भी तेज करेंगे।