उत्तराखंड में भी बारिश का कहर जारी,बद्रीनाथ यात्रा पर लगाई रोक, इस पैकेज में देखें चमोली जिले का हाल

यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने के निर्देश, लोगों को वर्ष 2013 की आपदा की आई याद

By. अनिल सती
रुद्रप्रयाग/ चमोली,14 अगस्त ।हिमाचल की तरह उत्तराखंड में भी बारिश का कहर बरपा रही  है । प्रदेश की नदियां उफान पर हैं और भूस्खलन का सिलसिला लगातार जारी है। प्रदेश में कई जगहों पर सड़क मार्ग टूटने के कारण संपर्क कट गया है। वहीं आफत की बारिश जिंदगी ऊपर भी भारी पड़ रही है।  इस विशेष पैकेज में उत्तराखंड के चमोली जिले का पूरा हाल दिखाया जा रहा है।

रात ढाई बजे दहशत के बीच घर खाली किए  

सोमवार को चमोली और केदारघाटी में हुई बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। इस बीच मंदिर के साथ ही कई घरों में पानी घुसने से नुकसान हुआ है। लोगों ने रात ढाई बजे दहशत के बीच घर खाली किए। प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा। बीती रात हुई भारी बारिश से अलकनंदा और मंदाकिनी परिसर में जल स्तर काफी ऊपर तक आ गया। यहां वर्ष 2013 जैसे हालात दिखाई दिए। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से प्रभावित लोगों को मकानों की साफ सफाई और जरूरी सामान को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने की मांग की है।
सौड़ी वार्ड से 3 बच्चे लापता
नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के सौड़ी वार्ड से 3 बच्चे रविवार शाम से लापता हैं। पुलिस ने तत्काल बच्चों की तलाश शुरू कर दी है। केदारघाटी में लगातार हो रही बारिश से जगह जगह सड़के टूटी हैं और यात्रा मार्ग पर भी अतिवृष्टि से नुकसान हुआ है, ऐसे में परिजनों केदारनाथ यात्रा मार्ग पर रह रहे लोगों से भी बच्चों को ढूंढने में मदद की गुहार लगाई है। बताया जा रहा कि ट्यूशन के बहाने स्कूल बैग में कपड़े और कुछ नगदी रखकर तीनों केदारनाथ में मजदूरी करने की मंशा से घर से भागे हैं। थानाध्यक्ष अगस्त्य मुनि रविन्द्र चौहान ने बताया कि परिजनों की सूचना पर रिपोर्ट दर्ज कर दी गई है।
मदमहेश्वर धाम को जोड़ने वाली पुल बही
मद्महेश्वर घाटी में हो रही लगातार बारिश से गौंडार के निकट बनतोली में स्थित मद्महेश्वर धाम को जोड़ने वाला पुल बहने से दो सौ से अधिक श्रद्धालु धाम में फंसे हुए हैं। सोमवार को मौके पर एसडीआरएफ की टीम पहुंची। सोमवार तड़के लगभग तीन बजे बनतोली के निकट स्थित सरस्वती नदी उफान पर आ गयी। आसपास रह रहे लोगों ने भागकर जान बचाई। पुल टूटने से मद्महेश्वर धाम में दर्शनों के लिए गए दो सौ से अधिक श्रद्धालु एवं स्थानीय लोग फंसे हुए हैं। वहीं प्रशासन ने इन लोगों से धाम में रुकने की अपील की है।
छानी कैंप में भारी नुकसान, मजदूर की मौत
भारी बारिश के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़ी लिंचौली और छानी कैंप में भारी नुकसान हुआ है। छानी कैंप में रह रहे 5 मजदूर किसी तरह जान बचाने में कामयाब हो गए। एक मजदूर की मलबे में दबकर मौत हो गई। बीती रात 12 बजे से केदारनाथ क्षेत्र में भारी बारिश होने लगी। रात करीब 2 बजे बड़ी लिंचोली के ऊपर आवाज के साथ पानी और मलबा आया। इससे यहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोगों को वर्ष 2013 की आपदा की याद आ गई। बड़ी लिंचोली में तैनात सेक्टर अधिकारी द्वारिका प्रसाद पुरोहित ने बताया कि रात बारिश होते ही लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने लग गए थे। रास्ते में दुकानों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने के लिए कहा गया है।
बद्रीनाथ यात्रा पर लगाई रोक   
सोमवार को चमोली जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने आपदा कंट्रोल रूम से जनपद में अतिवृष्टि से हुई क्षति और मौजूदा स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यन्न, विद्युत, पेयजल, सड़क एवं संपर्क मार्गो को शीघ्र सुचारू करें। बद्रीनाथ राजमार्ग कई स्थानों पर बाधित होने और हाईवे पर भूस्खलन के संभावित खतरे को देखते हुए जिलाधिकारी ने यात्रा पर तत्काल रोक लगाई गई है। यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने के निर्देश भी दिए।

पेयजल, विद्युत आपूर्ति बाधित
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि जनपद में तहसील थराली, जोशीमठ तथा चमोली प्रभावित हुए है। चमोली अन्तर्गत मायापुर में एक व्यक्ति लापता है और तीन व्यक्तियों को चोट लगी है। चमोलीके कुछ गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित है। पीपलकोटी व गोपेश्वर में पेयजल आपूर्ति बाधित है। जिले में  9 पुल क्षतिग्रस्त हुए है। चमोली के अन्तर्गत दो प्राथमिक विद्यालय भवन, 5 गौशालाएं, 4 भवन क्षतिग्रस्त हुए है। जोशीमठ के अन्तर्गत 5 भवन क्षतिग्रस्त हुए है। भारी बारिश के कारण जनपद में कर्णप्रयाग से बद्रीनाथ तक हाईवे 10 स्थानों पर अवरुद्ध है। अन्य 47 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्व हुए है।

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