देश के वीर सैनिकों ने हमेशा बढ़ाया भारत वर्ष का मान-सम्मान: राज्यपाल

By. अंकित शर्मा

कुरुक्षेत्र 18 नवंबर। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश के वीर सैनिकों ने पूरे विश्व में भारत वर्ष का मान-सम्मान बढ़ाने का काम किया है। इस देश के वीर सैनिकों ने पराक्रम के साथ बलिदानी दे दी, लेकिन कभी भी आत्मसमर्पण नहीं किया। इन वीर सैनिकों की सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस देश की सेवा करने के लिए महिलाओं को भी अधिक से अधिक संख्या में सेना में भर्ती होना चाहिए।

तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय शनिवार को गीता ज्ञान संस्थान के सभागार में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा आयोजित 24वें वार्षिक अधिवेशन के प्रथम सत्र के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल ने मॉ भारती की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए। राज्यपाल ने अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा समाज के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पूर्व सैनिकों की तमाम समस्याओं को केन्द्र सरकार के माध्यम से समाधान करवाने का हर भरसक प्रयास करेंगे।

सेवा करने का अलग ही जज्बा है

उन्होंने कहा कि हरियाणा कृषि प्रधान प्रदेश के रूप में जाना जाता है, फिर भी यहां के नौजवानों ने खेल जगत में एवं देश की सशस्त्र सेनाओं में अपनी एक अलग पहचान बना रखी है। आज भारत की सशस्त्र सेनाओं में हरियाणा का योगदान अनुकरणीय है। नूंह का उजीना एक ऐसा गांव जिसे सेना के जवानों का खजाना माना जाता है। इस गांव के जवानों में देश की सेवा करने का अलग ही जज्बा है। अकेला यह गांव सात सौ से भी अधिक नौजवान देश को सैनिक के रूप में दे चुका है।

वीरता की नई मिसाल पेश की है

राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा राज्य सैनिक बोर्ड एवं अन्य संबंधित संस्थाएं जो पूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं एवं शारीरिक अक्षमता वाले सैनिकों तक अपनी पहुंच बढ़ा रही है। हरियाणा के वीरों ने आजादी के बाद भी उन्नीस सौ बासठ, उन्नीस सौ पैसठ व उन्नीस सौ इकहतर के विदेशी आक्रमणों और ऑपरेशन कारगिल युद्ध के दौरान वीरता की नई मिसाल पेश की है। हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते, लेकिन उनके परिजनों की देखभाल करके उनके प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य व्यक्त कर सकते हैं। इस दिशा में हरियाणा सरकार ने ‘सैनिक व अर्ध-सैनिक कल्याण विभाग‘ का गठन किया है।