हरियाणा के प्रसिद्ध गायक पंडित लख्मीचंद के जीवन के विषय में विस्तार से बताया
By. राजकुमार सिंह
चण्डीगढ। नाट्य लेखन कार्यशाला में दूसरे दिन मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत करते हुए वरिष्ठ पत्रकार चंद्रभूषण ने सभी प्रतिभागियों, नव लेखकों को नाटक लेखन की बारीकियांे से रूबरू करवाया। उन्होंने बहुत ही मर्मस्पर्शी वातावरण में नवलेखकों की नब्ज को टटोला और यह जानने का प्रयास किया कि आज की युवा पीढ़ी की सोच किस दिशा में जा रही है।
प्रसिद्ध गायक पंडित लख्मीचंद
उन्होने कहा कि रंग मंच में लेखन की भाषा और साहित्य का प्रयोग रचनात्मक शितिज का विस्तार है। यह कार्यशाला हरियाणा में साहित्य सृजन की बुनियाद है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि लेखक प्रकृति से सम्बंधित विषयों पर गहनता से विचार करने की जरूरत है। शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्ति अधिकारी एवं पर्यावरण विद् डा. दिलबाग सिंह ने भी व्याख्यान प्रस्तुत कर लोगों को हरियाणा की संस्कृति से रूबरू करवाया। उन्होंने हरियाणा के प्रसिद्ध गायक पंडित लख्मीचंद के जीवन के विषय में विस्तार से बताया।
कार्यशाला के माध्यम से
कार्यशाला की सह निर्देशिका रीता राय ने सभी प्रशिक्षकों को तीन ग्रुपों में विभाजित किया, जिनका नाम गंगा, जमुना, सरस्वती, रखा गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक ने कहा कि यह कार्यशाला प्रकृति रक्षा एवं संास्कृतिक उत्थान को समर्पित है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बलजिंद्र कौर ने कहा कि शिक्षा विभाग कार्यशाला के माध्यम से शिक्षकों के अंतर्मन में लिखने के कौशल को विकसित कर रहा है।