सुनील जैसे जांबाजों के बलिदानों की बदौलत ही देश की सीमाएं महफूज: कैबिनेट मंत्री

श्रद्धांजलि समारोह में सैंकड़ों ने नम आंखों से किया सिपाही सुनील के बलिदान को नमन

By. अलोक कुमार
पठानकोट,4 नवंबर।  भारतीय सेना के बलिदानी सिपाही सुनील कुमार का 18वां बलिदान दिवस शहीद के नाम पर बने सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल तारागढ़ बेगोवाल में आयोजित किया गया। प्रिंसिपल राज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में हुए श्रद्धांजलि समारोह में कैबिनेट मंत्री पंजाब लालचंद कटारूचक्क ने बतौर मुख्य मेहमान के रूप में शिरकत की। वहीं शहीद की माता जीतो देवी, पिता कैप्टन सोहन लाल, भाई सतीश कुमार, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष कर्नल सागर सिंह सलारिया, महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, पी.सी.टी ह्यूमैनिटी के संस्थापक जोगिंदर सिंह सलारिया, डी.एस.पी सुखविंदर सिंह, सी.एम.सी के चेयरमैन मनोहर भाऊ, जोन इंचार्ज ठाकुर साहब सिंह साबा, आप नेता भानु प्रताप सिंह,समाज सेवक हर्ष शर्मा, ठाकुर भूपिंदर सिंह मुन्ना, कैप्टन जोगिंदर सिंह, सूबेदार कर्ण सिंह, कैप्टन रछपाल सिंह, राजेश कुमार, ठाकुर प्रवीण कुमार, नरेश सैनी, खुशबीर काटल आदि ने शहीद  को श्रद्धांजलि अर्पित की।
अल्पायु में बलिदान देकर वीरता का इतिहास रचा
कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारूचक्क  ने कहा कि बलिदानी सैनिक देशहित में प्राणों की आहुति देकर भावी पीढ़ी में देशभक्ति की चेतना जागृत कर उनमें राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा पैदा कर जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिला पठानकोट व गुरदासपुर जिसे शहीदों  की जन्मस्थली कहा जाता है जब भी देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ यहां के वीर सपूतों ने झोलियां भर-भर के अपने बलिदान दिए हैं।  सिपाही सुनील कुमार ने 19 वर्ष की अल्पायु में अपना बलिदान देकर वीरता का इतिहास रचा है। ऐसे वीर सैनिकों के बलिदान की बदौलत ही देश की सीमाएं महफूज हैं। उन्होंने कहा पंजाब ने आतंकवाद का वो काला दौर भी देखा है। लेकिन हमारी फोर्स के बहादुर जवानों ने आतंकवाद की कमर तोड़ते हुए पंजाब को फिर से हंसता, खेलता पंजाब बनाया। इस अवसर पर उन्होंने स्कूल में इंटरलॉक टाइल्स लगवा कर देने की घोषणा की।  
बहादुर मां की कोख को नमन
कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि सिपाही सुनील कुमार जैसे शौर्यवीरों के बलिदानों की नींव पर  देश टिका है। वह उस बहादुर मां की कोख को नमन करते हैं जिसने सुनील जैसे सपूत को जन्म देकर राष्ट्र को समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा माता-पिता के दिए संस्कारों के साथ-साथ स्कूलों में दी गई शिक्षा से पैदा होता है और बलिदानी सैनिकों के नाम पर बने स्कूल एक मंदिर के समान होते हैं इस लिए सभी छात्र व अध्यापक इस विद्यालय के प्रवेश द्वार की बलिदानी मिट्टी को नमन करने के बाद ही स्कूल में दाखिल होने का संकल्प लें।
मिट जाते हैं वो देश जो नहीं रखते शहीदों को याद
जोगिंदर सिंह सलारिया व कर्नल सागर सिंह सलारिया ने कहा कि वो देश मिट जाते हैं जो अपने सैनिकों की कुर्बानियों को याद नहीं रखते। उन्होंने कहा कि दुख का विषय है कि समय-समय की सरकारों ने शहीदों के सम्मान में की घोषणाओं को आज तक पूरा नहीं किया है। इसलिए मौजूदा सरकार को चाहिए पिछली सरकारों द्वारा की घोषणाओं को शीघ्र अमली जामा पहना कर उनके परिजनों की भावनाओं का सम्मान करे। प्रिंसिपल राज कुमार गुप्ता ने आए मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए स्कूल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तथा छात्राओं ने देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबकी आंखें नम कर दी।


इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा शहीद के परिजनों सहित अन्य शहीद परिवारों को शाल तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। मंच संचालन का दायित्व मास्टर विकास राय ने बखूबी निभाया। इस मौके पर एस.एच.ओ मनदीप शर्मा, कैप्टन तरलोक सिंह, शहीद की भाभी ज्योति देवी, किरण कुमारी व सुमन बाला, लेक्चरर विपुल कुमार, अशोक कुमार, बलदेव राज, मुनीश कुमार, संजय वर्मा, अश्वनी कुमार, जसवीर कुमार, बलजीत सिंह, नवप्रीत सिंह, मैडम नवज्योति,नीलम, मोनिका, प्रियंका,  रेणु बाला, उर्वशी, शैली राणा मोनिका आदि उपस्थित थे।