सरकार ने पेश किया बिल, विपक्ष ने किए विरोध के स्वर बुलंद
अरुण निशाना
नई दिल्ली, 27 जुलाई। केंद्र के मोदी सरकार बर्थ एंड डेथ कानून में संशोधन करने की तैयारी कर चुकी है। 1969 के कानून में संशोधन करने के लिए एक गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय में रजिस्ट्रेशन ऑफ बर्थ एंड डेथ अमेंडमेंट बिल 2023 लोकसभा में पेश किया है।
बिल को वापस लेना चाहिए
हालांकि इस बिल को लेकर विपक्ष जोरदार विरोध कर रहा है। कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए बिल का जबरदस्त विरोध किया है। विपक्ष का कहना है कि इस बिल से निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा, जिससे इस बिल को वापस लेना चाहिए।
बिल के कानून बनने के बाद
केंद्र सरकार ने लोकसभा में भारी हंगामे के बीच रजिस्ट्रेशन ऑफ बर्थ एंड डेथ अमेंडमेंट बिल पेश किया है। बिल पेश करने के साथ ही विरोध के स्वर गूंजने लगे हैं। सरकार का मानना है कि बिल के कानून बनने के बाद बर्थ सर्टिफिकेट को सिंगल डाक्यूमेंट्स की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह डॉक्यूमेंट पढ़ाई से लेकर नौकरी तक के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
आधार नंबर भी देना अनिवार्य होगा
आपको बताते चलें कि सरकार द्वारा लाए गए इसने बिल में बर्थ एंड डेथ के डिजिटल रजिस्ट्रेशन का प्रावधान है। इसी तरह राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर भी बर्थ एंड डेथ का डेटाबेस तैयार करने का भी प्रावधान है। इसे सिंगल डॉक्यूमेंट से व्यक्ति एजुकेशन के साथ-साथ ड्राइविंग लाइसेंस , पासपोर्ट सहित अन्य कार्य करवाए जा सकेंगे। सरकार द्वारा पेश किए गए इस बिल में एक यह भी प्रावधान है कि बर्थ एंड डेथ की जानकारी देने वाले व्यक्ति को अपना आधार नंबर भी देना अनिवार्य होगा।