कहा , क्षेत्र जीवनदायिनी मां गंगा का शीतकालीन निवास स्थान है
नवराज टाइम्स नेटवर्क
उत्तरकाशी,6 मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि जिसे देवभूमि के रूप में जाना जाता है आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है और चार धाम तथा अनगिनत अन्य पवित्र स्थलों से धन्य है। प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड के हरसिल में ट्रेक और बाइक रैली को हरी झंडी दिखाने के बाद शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम में भाग लेते हुए वहां मौजूद जन समुदाय को सम्बोधित कर रहे थे ।
प्रभावित परिवारों को बहुत ताकत मिली
उन्होंने मुखवा में मां गंगा के शीतकालीन गद्दी स्थल पर पूजा और दर्शन भी किए। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने माणा गांव में हुई दुखद घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश के लोग संकट की इस घड़ी में एकजुटता के साथ खड़े हैं, जिससे प्रभावित परिवारों को बहुत ताकत मिली है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह क्षेत्र जीवनदायिनी मां गंगा का शीतकालीन निवास स्थान है। उन्होंने दोबारा आने और लोगों तथा उनके परिवारों से मिलने के अवसर के लिए आभार व्यक्त किया तथा इसे एक आशीर्वाद बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मां गंगा की कृपा से ही उन्हें दशकों तक उत्तराखंड की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। हर्षिल की धरती पर अपनी यात्रा पर टिप्पणी करते हुए, स्थानीय महिलाओं, जिन्हें उन्होंने “दीदी-भुलिया” कहा, द्वारा दिखाए गए स्नेह की अपनी मधुर स्मृतियों को व्यक्त करते हुए, PM मोदी ने हर्षिल के राजमा और अन्य स्थानीय उत्पाद भेजने के उनके विचारशील भावों पर प्रकाश डाला।
यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा
प्रधानमंत्री ने बाबा केदारनाथ की अपनी यात्रा को याद किया, जहाँ उन्होंने घोषणा की थी कि यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा। उन्होंने टिप्पणी की कि उन शब्दों के पीछे की शक्ति स्वयं बाबा केदारनाथ से आई थी और इस बात पर प्रकाश डाला कि, बाबा केदारनाथ के आशीर्वाद से, यह दृष्टि धीरे-धीरे वास्तविकता बन रही है। इस बात पर जोर देते हुए कि उत्तराखंड की प्रगति के लिए नए रास्ते खुल रहे हैं, जो राज्य के गठन की आकांक्षाओं को पूरा कर रहे हैं, PM मोदी ने कहा कि उत्तराखंड के विकास के लिए की गई प्रतिबद्धताएँ निरंतर उपलब्धियों और नए मील के पत्थरों के माध्यम से साकार हो रही हैं।
पवित्र स्थलों पर अनोखे अनुष्ठान
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कोई “ऑफ-सीजन” नहीं होना चाहिए और पर्यटन को हर मौसम में फल-फूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, पहाड़ों में पर्यटन मौसमी है, जिसमें मार्च, अप्रैल, मई और जून के दौरान पर्यटकों की अच्छी-खासी आमद होती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आती है, जिससे सर्दियों के दौरान अधिकांश होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे खाली हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस असंतुलन के कारण उत्तराखंड में साल के अधिकांश समय आर्थिक मंदी रहती है और पर्यावरण के लिए भी चुनौतियां पैदा होती हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में ट्रेकिंग और स्कीइंग जैसी गतिविधियों के रोमांच पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के लिए सर्दियों का विशेष महत्व है, इस दौरान कई पवित्र स्थलों पर अनोखे अनुष्ठान किए जाते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार का साल भर पर्यटन का विजन लोगों को दिव्य अनुभवों से जुड़ने के अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस पहल से साल भर रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय आबादी और उत्तराखंड के युवाओं को काफी लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “केंद्र और राज्य की हमारी सरकारें उत्तराखंड को एक विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं।