पीएम मोदी की लीडरशिप में भारत ने इकोनॉमी सहित सभी क्षेत्रों में किया विकास: पीएम प्रचंड
अरुण निशाना
नई दिल्ली,1 जून। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भारत दौरे पर हैं। वे बुधवार को करीब तीन बजे भारत पहुंचे थे। यहां पहुंचने पर भारत की संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उनका स्वागत किया गया। बतौर पीएम उनका यह चौथा भारत दौरा है।
रिश्ते हिट से सुपरहिट बनाएंगे
नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड उनके दौरे का दूसरा दिन बेहद खास रहा। आज नेपाल के पीएम प्रचंड ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते हिट से सुपरहिट बनाएंगे। इसके लिए दोनों नेताओं ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच प्रस्तावित रामायण सर्किट के कार्य में तेजी लाई जाएगी। भारत नेपाल के बीच नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी पर भी चर्चा की गई।
यह भी पढ़ें
नेपाल यात्रा पर दिया था फार्मूला
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा,मैंने वर्ष 2014 में नेपाल की यात्रा की थी। उस समय मैंने हाई-वे,आई-वे और ट्रांस -वे का हिट फॉर्मूला दिया था। तक मैंने कहा था हमारे बॉर्डर दोनों देशों के बीच बैरियर नहीं बनने चाहिए। नेपाल के लिए नए रेल रूट्स शुरू किए जाएंगे। आज मैं कह सकता हूं कि हमारे संबंध हिट हैं और आने वाले समय में सुपरहिट हो जाएंगे।
भारत ने सभी क्षेत्रों में किया विकास
नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा,चौथी बार भारत दौरे पर आया हूं। दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। मुलाकात के दौरान सीमा विवाद को लेकर भी चर्चा हुई है। पीएम प्रचंड ने कहा,भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में भारत में इकोनॉमी सहित अन्य सभी क्षेत्रों में विकास हुआ है। उन्होंने पीएम मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर बधाई भी दी। इसके साथ ही पीएम मोदी को नेपाल आने का न्योता भी दिया।
राजशाही के बाद प्रचंड बने थे पीएम
नेपाल के पीएम तीन जून को इंदौर जाएंगे और वहां एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इसके बाद पीएम प्रचंड के उज्जैन जाने की भी संभावना जताई जा रही है। हालांकि अभी इस बारे स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। आपको बताते चले कि नेपाल में वर्ष 2008 में राजशाही खत्म होने के बाद प्रचंड वहां के पीएम बने थे। पिछले वर्ष दिसंबर में प्रचंड ने नेपाल की तीसरी बार सत्ता संभाली थी।
ब्रिटिश इंडिया और नेपाल के बीच हुई संधि
आपको बताते चलें कि पिछले साल अक्टूबर में नेपाल सरकार ने दोनों देशों की सीमा के पास भारत में बन रही एक सड़क के चौड़ीकरण पर आपत्ति जताई थी। इससे पहले उत्तराखंड में सड़क लंबी करने को लेकर नेपाल ने भारत को चेतावनी जारी करते हुए इसे तुरंत रोकने को कहा था। नेपाल उत्तराखंड स्थित लिपुलेख को अपना इलाका बता चुका है। दिसंबर 1815 में ब्रिटिश इंडिया और नेपाल के बीच हुई एक सुगौली संधि में तय हो गया कि नेपाल की सरहद पश्चिम में महाकाली और पूरब में मैची नदी तक होगी। लेकिन इसमें नेपाल की सीमा तय नहीं हुई थी। 54 ऐसी जगहें हैं, जिनको लेकर दोनों देशों के बीच विवाद बना रहता है।
One thought on “भारत -नेपाल के बीच रामायण सर्किट में आएगी तेजी,रिस्ते बनेंगे सुपरहिट : पीएम मोदी”
Comments are closed.