सिपाही की बेटी से मोस्ट वांटेड आरोपी तक के खतरनाक सफर की स्टोरी

सिपाही की बेटी से मोस्ट वांटेड आरोपी तक का खतरनाक सफर, आखिर कौन है शाइस्ता परवीन?

अनिल सती  
किसी ने सही कहा है कि समय कब किसको कहां से कहां पहुंचा दे,या यूं कहें कि एक साधारण परिवार का व्यक्ति चाहे वह महिला ही क्यों न हो,कब जुर्म की दुनिया के बेजात बादशाहों की लिस्ट में शामिल हो जाए,इस बारे में समय से पहले शायद कोई कुछ नहीं कह सकता है और न ही आने वाले समय के बाद में कुछ समझ सकता है। जी हां, ऐसी ही कुछ कहानी एक महिला कि आपको बताने जा रहे हैं।

दिल चप्स कहानी

इस दिल चप्स कहानी में हम उस खतरनाक महिला की बात करने जा रहे हैं,जोकि कानून के रखवाले मानी जाने वाली पुलिस की नौकरी करने वाले प्रयागराज के दामूपूर गांव के एक सिपाही के घर में जन्मी,पली बढ़ी हुई। लेकिन उस समय शायद यह किसी को भी अहसास नहीं था कि वह बड़ी होकर जुर्म की दुनिया के बेताज बादशाह के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने लगेगी। जी हां हम बात कर रहे हैं एक सिपाही की बेटी,जिसके नाम है शाइस्ता और इस नाम का मतलब समझे तो शांत,सभ्यता,शरारत न करने वाली लडक़ी। लेकिन अगर नाम के मतलब के हिसाब से उसको देखें तो वह बिलकूल अलग है।  

मामूली परिवार में जन्म
शाइस्ता परवीन चार बहनों और दो भाइयों में सबसे बड़ी हैं। उसके पिता मोहम्मद हारून एक रिटायर्ड पुलिस कांस्टेबल हैं। शाइस्ता के दो भाइयों में से एक मदरसे का प्रिंसिपल है। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि को देखते हुए, शाइस्ता से उम्मीद की जा रही थी कि वो लाइमलाइट से दूर एक आम जीवन जिएं । एक रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में वो खुद को घरेलू कामों तक सीमित रखते हुए अपने पिता के साथ सरकारी  क्वार्टर में रहती थी।


माफिया अतीक से की शादी
उसने अगस्त 1996 में प्रदेश के सबसे खतरनाक माफिया अतीक अहमद से शादी की और उसके किए हुए कारनामों में कदम से कदम मिलाकर चलने लगी। अतीक अहमद के जेल जाने के बाद उसका साम्राज्य संभालने में प्रयागराज के रामपुर गांव की रहने वाली शाइस्ता परवीन ने अहम किरदार ने निभाया । आज यूपी पुलिस जिस शाइस्ता के सरेंडर करने की राह देख रही है उसी यूपी पुलिस में शाइस्ता के पिता एक सिपाही हुआ करते थे। एक सिपाही की बेटी से मोस्ट वांटेड आरोपी शाइस्ता परवीन पर यूपी पुलिस ने पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया है।

अतीक से ज्यादा शिक्षित
अतीक अहमद ने औपचारिक शिक्षा ही प्राप्त की थी जबकि शाइस्ता परवीन ने हिम्मतगंज, प्रयागराज के एक  कॉलेज में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की । लेकिन उसे शायद इस बात का आभास नहीं था कि शादी के बाद उनका जीवन यू-टर्न ले लेगा और वह अंडरवर्ल्ड से जुड़ जाएगी।  बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में दर्ज प्राथमिकी में उनका उल्लेख है और मामले की जांच अभी भी जारी है। सूत्रों के मुताबिक, शाइस्ता इस साल २४ फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और उनके दो पुलिस गार्डों की गोली मारकर हत्या करने मामले में शामिल मानी जा रही है। शाइस्ता के खिलाफ अब तक चार मामले दर्ज हो चुके हैं।

 राजनीति के साथ जुड़ाव
शाइस्ता ने राजनीति में किस्मत आजमाई। वह असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम में शामिल हो गईं। हालांकि, इस साल जनवरी में प्रयागराज मेयर चुनाव के लिए टिकट सुरक्षित करने की उम्मीद में बसपा की सदस्य बन गईं। लेकिन उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा उनकी हत्या के मामले में दायर की गई प्राथमिकी में उन्हें आरोपी बनाए जाने के बाद शाइस्ता की मुश्किलें बढ़ गईं और उनकी पार्टी ने खुद को विवाद से दूर कर लिया।

बेटे भी मामलों में आरोपी
शाइस्ता और अतीक अकेले नहीं थे जिन्हें कई अपराध मामलों में आरोपी बनाया गया था। उसका सबसे बड़ा बेटा उमर लखनऊ के एक व्यवसायी से वसूली, मारपीट और अपहरण के आरोप में लखनऊ जेल में बंद है।  दूसरा बेटा अली हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के आरोप में प्रयागराज की नैनी जेल में बंद है। उसके दो नाबालिग बेटों ऐजान अहमद और अबान अहमद को पुलिस ने बाल संरक्षण गृह में रखा है। हालांकि, शाइस्ता ने एक आवेदन दायर कर आरोप लगाया कि पुलिस ने नाबालिग बेटों को पूछताछ के लिए उनके घर से उठाया और उसके बाद से उनका कोई पता नहीं चल रहा है।

 
सरेंडर करने की अफवाह
झांसी में पुलिस मुठभेड़ में उनके बेटे असद के मारे जाने के बाद ऐसी अटकलें थीं कि शाइस्ता आत्मसमर्पण कर देंगी। जब प्रयागराज में पुलिस हिरासत में अतीक और उसके भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई, तो अफवाहें फैली कि शाइस्ता आखिरकार पेश होंगी। लेकिन सवाल यह है कि शाइस्ता परवीन कब आएगी और क्या वह आत्मसमर्पण करेगी? अभी ये सवाल भविष्य की गर्भ में हैं।