अभी बाकि है उस पटकथा या लापरवाही की परतें खुलना, जिसने पटरी पर दौडने वाली ट्रेनों को मुर्दा घर बना दिया

CBI ने उस आमिर खान को गिरफतार किया है,जिसको लेकर 20 जुलाई को सोसल मीडीया पर उठा था तूफान

नवराज टाइम्स नेटवर्क
बालासोर ट्रेन हादसा के मामले में भले ही सीबीआई ने रेलवे के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन इस भीषण रेल कांड की गुत्थी अभी सुलझनी बाकी है। अभी बाकी है इस हादसे की पटकथा या लापरवाही की परतें खुलना, जिसने पटरी पर दौड़ने वाली ट्रेनों को मुर्दा घरों में तब्दील कर दिया था।
इस खबर में हमने पटकथा का जिक्र इसलिए भी किया है। क्योंकि करीब 17 दिन पहले इस हादसे के मामले ने एक नया रूप लिया था। दुसरा यह कि पटकथा को सोची समझाी साजिश और एक के बाद एक लापरवाही की हदों को भी पटकथा कहना शायद गलत नहीं होगा। चाहे बेसक वो जाने अंजाने में ही क्यों न हुई हो।
ट्वीट करने वालों का उमड़ा सैलाब
हम एक उस पटकथा की बात कर रहे हैं,जिसमें रेलवे विभाग के जेई आमिर खान का नाम लें रहे हैं। सीबीआई ने आज तीन रेलवे के अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इन तीन अधिकारियों में से एक अमिर खान का नाम भी शामिल है। आपको बता दें कि यह वही अधिकारी अमिर खान है,जिसको लेकर करीब 17 दिनों पहले 20 जुलाई को एक नई बहस छिड़ गई थी। उस समय सोशल मीडिया पर यह मामला पूरी तरह से छाया हुआ था। ट्विटर पर तो यह मामला टैंड कर गया था। आमिर खान के विरोध और पक्ष में ट्वीट करने वालों का मानों सैलाब उमड़ पड़ा था।


रेलवे ने किया स्पष्टीकरण जारी
उस समय कहा जा रहा था कि हादसे का आरोपी आमिर खान घर से भाग गया है। सोशल मीडिया पर उठे तूफान को देखते हुए रेलवे विभाग को भी बीच में कूदना पड़ा। उस समय रेलवे विभाग के पीआरओ ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था कि पूछताछ में शामिल कोई भी कर्मचारी लापता या फरार नहीं है। लेकिन इसके बाद भी तूफान खत्म नहीं हुआ था।


आतंकी एंगल से जांच की मांग
सीबीआई ने जेई अमिर खान को गिरफ्तार किया है। इसी जेई पर 20 जुलाई को लोगों का गुस्सा बाहर निकल रहा था। उस समय लोगों ने आमिर खान के विरोध में ट्वीट की मानों झड़ी लगा दी थी।  एक ने ट्वीट में लिखा था कि आतंकी वारदात था बालासोर ट्रेन हादसा। जेई आमिर खान था बालासोर हादसे का मास्टरमाइंड । सुदर्शन पहले दिन से कह रहा था कि मामले की आतंकी एंगल से जांच के लिए मामला एनआईए को सौंपा जाए। इस तरह के अनेक ट्वीट किए गए। वहीं अनेक लोग हादसे को हिन्दू मुस्लिम से नहीं जोड़ने की बात भी कर रहे थे।


मुर्दाघर बनी ट्रेनों का जिम्मेदार कौन
दूसरी लापरवाही से भी पटकथा पर नजर डालें तो सामने गलतियो का ढेर और लापरवाही की वह लम्बी लिस्ट दिखाई देगी,जिसने करीब 292 लोगों की जिंदगियां छिन ली। कितने ही लोगें के घर उजाड दिए,कितनी ही औरतें विधवा हो गई और कितने ही बच्चों के सिर से मां बाप का साया चला गया। तीन दिन पहले रेलवे विभाग द्वारा की गई जांच रिर्पोट भी सामने आई थी। इसमें यही कहा गया था कि सिगनलिंग में गड़बड़ी के कारण हादसा हुआ। मुख्यतौर पर यह बात सामने उभर कर आई। लेकिन लापरवाही से भरी एक लंबी सूची विभाग के पास सुरक्षित है। लेकिन चाहे कुछ भी हो,सीबीआई की रिपोर्ट आने के बाद ही उस भीषण रेल कांड के मामले से पर्दा उठेगा। पर्दा उठेगा कि क्या अमिर खान को लेकर 20 जुलाई को उठा तुफान सही था या नहीं, पर्दा उठेगा कि आखिर लापरवाही की हदें किस हद तक पार की गई और पर्दा यह भी उठेगा कि ट्रेनों को मुर्दाघर बनाने का आखिर जिम्मेदार कौन कौन रहा।
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