उप राष्ट्रपति ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, के 18 वें दीक्षांत समारोह में की शिरकत
नवराज टाइम्स नेटवर्क
रोहतक, 26 दिसंबर – भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में आयोजित 18वें दीक्षांत समारोह में शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि से अलंकृत किया और उन्हें जीवन में सफल होने तथा बुजुर्गों की सेवा व देश के प्रति सम्मान भाव रखते हुए कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज के दीक्षांत समारोह में 1216 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि प्रदान की गई है और यह गर्व की बात है कि इनमें से 740 लड़कियां हैं, जोकि देश व हरियाणा में बदलाव के गौरवान्वित परिदृश्य को दर्शाता है कि किस प्रकार लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।
18 वें दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति की धर्मपत्नी डॉ सुदेश धनखड़, हरियाणा के राज्यपाल और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत, उच्चतर शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत को विशेष तौर पर डॉक्टरेट की उपाधि दी गई।
जगदीप धनखड़ ने शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस संस्थान से शिक्षा ग्रहण करना व्यक्तिगत उपलब्धियों से कहीं आगे है। यह आनंदमय, अविस्मरणीय क्षण है। आप अपने पूरे जीवन में उन लोगों की यादों को संजोकर रखेंगे जिन्होंने हर कदम पर आपकी शिक्षा और संघर्षों को साझा किया है। आज आपके जीवन का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है, आज के बाद आप वास्तविक जीवन में प्रवेश करेंगे और विभिन्न क्षेत्रों में अपना नाम रौशन करेंगे।
उन्होंने कहा कि आप सभी शोधार्थी बहुत सौभाग्यशाली हैं, जिन्होंने इस अमृतकाल में शिक्षा ग्रहण की है, आपके पास एक पारिस्थितिकी तंत्र है और अपनी असीम ऊर्जा को उजागर करते हुए अपनी प्रतिभाओं व संभावनाओं का प्रयोग करते हुए आगे बढ़ें। यह अमृतकाल गौरवकाल है।