जिंदगी रंगमंच का दूसरा नाम, हर इंसान धरती पर अभिनेता हैः बोधिसत्व 

प्रसिद्ध टी.वी. सीरीयल “जोधा-अकबर और देवो के देव महादेव” के संवाद लेखक अखिलेश मिश्र “बोधिसत्व” ने रूबरू होते हुए कहा

By. राजकुमार सिंह

चण्डीगढ़,21 सितम्बर नाट्य लेखन शिविर के चौथे दिन प्रसिद्ध टी.वी. सीरीयल “जोधा-अकबर और देवो के देव महादेव”  के संवाद लेखक अखिलेश मिश्र “बोधिसत्व” ने रूबरू होते हुए कहा कि हर इंसान धरती पर अभिनेता है। जिंदगी रंगमंच का दूसरा नाम है।

स्कूल शिक्षा के इतिहास मे दर्ज होगा

उन्होने कहा कि लेखन बहुत ही महत्वपूर्ण सामाचार, कहानी, कविता संस्मरण कुछ भी लिखना जीवन और समाज को सकारात्मक बनाना है। उन्होने  कहा कि नाट्य लेखन वैशिष्टय कार्य है। ऐसे में नाटक लिखना सभी विधाओं को जीना है। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल शर्मा ने कहा कि निदेशक अंशज सिंह के मार्गदर्शन और मुख्य प्रशासक अजीत बाला जी जोशी की प्रेरणा से आयोजित यह 9 दिवसीय लेखन शिविर स्कूल शिक्षा के इतिहास मे दर्ज होगा।

भरतमुनि ने नाटक को वेद की संज्ञा दी
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बलजिन्द्र चहल ने कहा कि समकालीन प्रश्नों के समाधान में नाटक की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण  है। नाटक में सभी विधाओं का समावेश है। शिविर निदेशक चन्द्रभूषण ने कहा कि शिविर में हिस्सा लेने वाले शिक्षक हरियाणा के साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ा रहे है।
शिविर की सहनिर्देशक नाट्य लेखक रीता राय ने कहा कि भारतीय समाज में रंगमंच अपने समय के सत्य को उद्घाटित करता रहा है। भारतीय अध्यनचित्त परम्परा में भरतमुनि ने नाटक को वेद की संज्ञा दी है।