किसे होता है सबसे ज्यादा खतरा
नवराज टाइम्स नेटवर्क
सर्दी या जुकाम होने के बाद छींक आना काफी आम होता है। हालांकि कई बार बिना जुकाम के भी छींक आ जाती हैं और अक्सर एक के बाद दूसरी छींक भी तुरंत आती है। ऐसे में कई लोग अपनी छींक को आने से रोक लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा करना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।
छींकने से बचते हैं लोग
दरअसल कुछ लोग नहीं चाहते कि ऑफिस या फिर लोगों के सामने वो जोर से छींक मारें, इसीलिए वो अपनी छींक को रोक लेते हैं। कोरोना महामारी के दौरान ये परेशानी और भी ज्यादा बढ़ गई थी। जब किसी के भी सामान्य तौर पर छींकने पर लोग उसकी तरफ घूरने लगते थे और दूरी बना लेते थे। ऐसे में लोग अपनी छींक को रोकना ही ठीक समझते थे।
प्रेशर पडऩे से घाव हो सकता है
बात करते हैं कि आखिर छींक आने से रोकना क्यों खतरनाक हो सकता है और डॉक्टर ऐसा हर बार नहीं करने की सलाह क्यों देते हैं। जब हम खांसते या छींकते हैं तो शरीर में दबाव होता है और इससे फेफड़ों पर प्रेशर पड़ता है। ऐसे में अगर कोई छींक रोकता है तो ये दबाव 10 गुना ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में शरीर के कमजोर हिस्सों में प्रेशर पडऩे से घाव हो सकता है। इससे कान और आंखों पर भी असर पड़ सकता है। यही वजह है कि हर बार छींक या फिर खांसी को रोकना खतरनाक हो सकता है। इसीलिए अगर आपको छींक आ रही है तो आप रुमाल या फिर हाथ लगाकर छींक सकते हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि एक स्वस्थ मनुष्य का शरीर इतना दबाव झेलने के लिए तैयार रहता है। लेकिन समस्या उन लोगों को हो सकती है जिनके शरीर में कमजोरी है। खासतौर पर शराब या सिगरेट पीने वाले लोगों के लिए छींक को रोकना खतरनाक हो सकता है।