कैसे आप इन बीमारियों से बच सकते हैं
नवराज टाइम्स नेटवर्क
क्या आपने भी किचन गार्डन से लेकर शो प्लांट और तरह-तरह के पेड़ पौधे लगाए हुए हैं। पेड़ पौधों की देखभाल एकदम छोटे बच्चों की तरह करनी पड़ती है। जिन्हें समय-समय पर पानी देना होता है। खाद डालनी होती है और उनकी कटाई छटाई भी जरूरी होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गार्डनिंग करने से बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। हम आपको बताते हैं कि कैसे आप इन बीमारियों से बच सकते हैं और किस तरह से अपने गार्डनिंग टाइम को सुरक्षित बना सकते हैं।
टिटनेस बैक्टीरिया– मिट्टी और गंदगी में टिटनेस बैक्टीरिया (क्लॉस्ट्रिडियम टेटनी) पाया जाता है जो पेड़-पौधे लगाने के दौरान त्वचा में चोट लगने पर शरीर में जा सकता है। इससे बचने के लिए बागवानी के दौरान हमेशा दस्ताने पहनें और तेज धार वाले उपकरणों से सावधान रहें। टिटनेस वैक्सीन समय पर लें और यदि चोट लगे तो तुरंत साफ करें और दवा लगाएं।
फंगल संक्रमण– रिंगवर्म फंगस संक्रमित मिट्टी या पौधों में पाया जाता है और स्किन से कॉन्टैक्ट होने से संक्रमण फैलता है। इससे बचने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले दस्ताने पहनें। यदि स्किन पर कोई खुजली या रैश हो तो तुरंत एंटी-फंगल क्रीम लगाएं।
एलर्जी और अस्थमा– पौधे लगाते समय परागकण, फंगस के बीजाणु और धूल से एलर्जी हो सकती है। ऐसे में गार्डनिंग करते समय मास्क पहनें। इसके बाद तुरंत नहाएं और कपड़े बदलें।
जिआर्डिएसिस– यह परजीवी पानी में पाया जाता है और गंदे हाथ या पानी के माध्यम से शरीर में जा सकता है। इससे बचने के लिए बागवानी के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन और पानी से धोएं।
बैक्टीरियल इन्फेक्शन का कारण– मिट्टी में पाए जाने वाले विभिन्न बैक्टीरिया जैसे कि स्टैफिलोकोकस, घाव के माध्यम से शरीर में जा सकते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। ऐसे में दस्ताने पहनें और कट या खरोंच लगने पर तुरंत उसे साफ करें और दवा लगाएं।
लेप्टोस्पायरोसिस बैक्टीरिया- यह बैक्टीरिया गंदे पानी खासकर पालतू जानवरों या चूहों के पेशाब से संक्रमित पानी में पाया जाता है। गार्डनिंग करते समय रबर के दस्ताने और गम बूट्स पहनें। साफ पानी का उपयोग करें और अपने बगीचे में पानी का ठहराव न होने दें।