रेजिस्टेंस बैंड स्क्वाट्स से बढ़ सकती है पैरों की ताकत, जानिए अहम बातें

नवराज टाइम्स नेटवर्क

रेजिस्टेंस बैंड स्क्वाट्स एक असरदार एक्सरसाइज है जो पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। यह एक्सरसाइज न केवल जिम में बल्कि घर पर भी की जा सकती है। रेजिस्टेंस बैंड का उपयोग करने से मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे उनकी ताकत और सहनशक्ति बढ़ती है।

रेजिस्टेंस बैंड स्क्वाट्स करते समय सबसे पहले अपने पैरों को कंधों की चौड़ाई पर रखें और रेजिस्टेंस बैंड को अपने घुटनों के ऊपर या नीचे रखें। अब धीरे-धीरे नीचे बैठें जैसे कि आप एक कुर्सी पर बैठ रहे हों। ध्यान दें कि आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए और घुटने आपके पैर की उंगलियों से आगे नहीं जाने चाहिए। इस स्थिति को कुछ सेकंड तक बनाए रखें और फिर वापस खड़े हो जाएं।

एक्सरसाइज शुरू करने से पहले वार्म अप करना बहुत जरूरी होता है, ताकि आपकी मांसपेशियां तैयार हो सकें। हल्की दौड़, जंपिंग जैक्स या स्ट्रेचिंग जैसे वार्म अप करें, ताकि आपका शरीर एक्सरसाइज करने के लिए तैयार हो सके। इससे न केवल आपकी मांसपेशियों में लचीलापन आता है, बल्कि रक्त संचार भी बेहतर होता है। इस एक्सरसाइज के दौरान अधिक ऊर्जा मिलती है।

सही तरीके से सांस लेना भी इस एक्सरसाइज का अहम हिस्सा है। जब आप नीचे बैठ रहे हों तो धीरे-धीरे सांस लें और जब आप वापस खड़े हो रहे हों तो धीरे-धीरे सांस छोड़ें। ऐसा करने से आपकी मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलता रहेगा, जिससे आपको बेहतर परिणाम मिल सकेंगे। इसके अलावा सही तरीके से सांस लेने से ऊर्जा भी बनी रहती है, जिससे आप अधिक समय तक एक्सरसाइज कर सकते हैं।

एक्सरसाइज खत्म करने के बाद स्ट्रेचिंग करना न भूलें। क्योंकि इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और उनमें लचीलापन आता है। क्वाड्रिसेप्स, हेमस्ट्रिंग्स और काफ मसल्स की स्ट्रेचिंग करें, ताकि आपके पैरों की सभी अहम मांसपेशियां आराम पा सकें। रेजिस्टेंस बैंड स्क्वाट्स एक सरल लेकिन असरदार एक्सरसाइज है, जो आपके पैरों की ताकत बढ़ाने में मदद कर सकती है। इसे सही तरीके से करने से आप अपने पैरों की मांसपेशियों को मजबूती दे सकते हैं।

रेजिस्टेंस बैंड स्क्वाट्स को सप्ताह में 3 बार करें, ताकि आपकी मांसपेशियां मजबूत बन सकें। शुरुआत में 10-15 सेट करें और धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 20-25 सेट तक ले जाएं। इसके साथ ही, अपने एक्सरसाइज करने के समय को भी धीरे-धीरे बढ़ाएं, ताकि आपकी मांसपेशियों की सहनशक्ति बढ़ सके और आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें। नियमितता बनाए रखने से ही आपको जल्द लाभ मिलेगा।