जानिए साइड प्लैंक एक्सरसाइज के अभ्यास और जरूरी बातें

नवराज टाइम्स नेटवर्क

साइड प्लैंक एक असरदार एक्सरसाइज है, जो कोर स्थिरता को बढ़ाने में मदद करता है। यह एक्सरसाइज न केवल पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, बल्कि शरीर के संतुलन और मुद्रा में भी सुधार करता है। साइड प्लैंक करने से रीढ़ की हड्डी की सुरक्षा होती है और पीठ दर्द कम होता है । इस लेख में जानेंगे कि साइड प्लैंक सही तरीके से कैसे किया जाए।  

सांस लेने का सही तरीका अहम

सांस लेने का सही तरीका साइड प्लैंक करते समय अहम होता है। जब अपनी कमर उठाते हैं तो गहरी सांस लें और इसे कुछ सेकंड तक रोकें। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें जब आप नीचे आएं। यह प्रक्रिया आपके फेफड़ों की क्षमता बढ़ाती है और ऊर्जा देती है। सही तरीके से सांस लेने से मांसपेशियों को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है।

साइड प्लैंक करते समय सही तकनीक अपनाएं

साइड प्लैंक करते समय सही तकनीक का पालन करना बहुत जरूरी है। सबसे पहले अपने शरीर को एक सीधी रेखा में रखें। अपने कंधों को सीधे अपने हाथों के ऊपर रखें और अपनी कमर को ऊपर उठाएं ताकि आपका शरीर एक सीधी रेखा बनाए रखे। ध्यान दें कि आपकी गर्दन और सिर भी इसी रेखा में रहें। इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे नीचे आएं।

शुरुआत में 20-30 सेकंड तक अभ्यास करें

साइड प्लैंक का अभ्यास रोजाना करें ताकि आपकी मांसपेशियां मजबूत हों और आपका संतुलन बेहतर हो सके। शुरुआत में 20-30 सेकंड तक करें, फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। आप इसे सुबह या शाम किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि इसे खाली पेट करना बेहतर होता है। नियमित अभ्यास से आपको जल्दी ही इसके फायदे दिखने लगेंगे।

एक्सरसाइज करते समय ये सावधानियां बरतें

साइड प्लैंक करते समय कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। अगर आपको पीठ या कंधे में कोई समस्या हो तो पहले डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा हमेशा वार्म अप करें ताकि आपकी मांसपेशियां तैयार हों। सही तकनीक का पालन करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। इससे न केवल चोट का खतरा कम होता है बल्कि व्यायाम का प्रभाव भी बढ़ता है। इस प्रकार साइड प्लैंक एक सरल प्रभावी एक्सरसाइज है।

विविधताएं आजमाएं – साइड प्लैंक के कई प्रकार होते हैं, जिन्हें आप आजमा सकते हैं। जैसे कि लेग लिफ्ट्स या आर्म लिफ्ट्स जोडक़र इसे अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकते हैं। इससे आपकी मांसपेशियों पर अलग-अलग दबाव पड़ता है, जिससे वे अधिक मजबूत होती हैं। इसके अलावा आप हिप डिप्स या रोटेशनल साइड प्लैंक भी कर सकते हैं, जो आपके कोर को और भी मजबूती प्रदान करते हैं।