क्षेत्र में डेंगू के अब तक 1050 मरीज दर्ज किए जा चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है
नवराज टाइम्स नेटवर्क
पंचकूला, 21 अक्टूबर: पंचकूला क्षेत्र में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा सदस्य चन्द्र मोहन ने स्वास्थ्य विभाग को तुरंत कदम उठाने का निर्देश दिया है। पिछले कुछ हफ्तों में क्षेत्र में डेंगू के हजारों नए मामले सामने आए हैं, जिसके चलते स्थानीय निवासियों में चिंता बढ़ गई है।
नियमित रूप से फॉगिंग और स्प्रे
विधानसभा सदस्य चन्द्र मोहन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, पंचकूला को पत्र लिखकर डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए रोजाना स्प्रे और फॉगिंग करने की सिफारिश की है। पत्र में उन्होंने स्पष्ट किया कि पंचकूला के सेक्टरों, कॉलोनियों, गांवों और औद्योगिक क्षेत्रों में नियमित रूप से फॉगिंग और स्प्रे करवाना आवश्यक है ताकि मच्छरों के प्रजनन को रोका जा सके।
डेंगू के अब तक 1050 मरीज
विधानसभा सदस्य चन्द्र मोहन का कहना है, “पिछले कुछ समय से पंचकूला में डेंगू के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है, जिससे लोगों की सेहत को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। ऐसे में पंचकूला में प्रतिदिन स्प्रे और फॉगिंग करना बेहद जरूरी हो गया है ताकि इस रोग के प्रसार पर काबू पाया जा सके।” स्वास्थ्य विभाग से उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द ही आवश्यक कदम उठाएगा ताकि पंचकूला के निवासी इस गंभीर बीमारी से सुरक्षित रह सकें। क्षेत्र में डेंगू के अब तक 1050 मरीज दर्ज किए जा चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
डेंगू और मलेरिया पर नियंत्रण
मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अनुरोध किया गया है कि वह इस दिशा में तत्परता दिखाएं और नियमित रूप से फॉगिंग अभियान चलाएं ताकि मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को समाप्त किया जा सके। इस पहल के जरिए चन्द्र मोहन ने न सिर्फ पंचकूला क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने की हिदायत भी दी है। उनके इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही डेंगू और मलेरिया पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
इस बार सबसे ज्यादा मामले सामने आए
हरियाणा के पंचकूला में डेंगू से हालात बेकाबू हो रहे हैं। हरियाणा के जिलों में सबसे ज्यादा केस इस बार पंचकूला से आए हैं। अब तक डेंगू से इस साल तीन लोगों की मौत हो चुकी है। हाई रिस्क जोन के बजाय इस बार सबसे ज्यादा मामले अर्बन एरिया से आ रहे हैं। जिले में पिछले दस साल में वर्ष 2022 को छोड़ दें तो इस बार सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।
शहर के सेक्टर-6 सिविल अस्पताल की इमरजेंसी और डेंगू वार्ड में हर बेड पर दो मरीज हैं। मरीजों को ग्लूकोज लगाने के बाद हालात में सुधार न हो तो प्लेटलेट्स के लिए डोनर लाने पड़ रहे हैं। चंद्र मोहन ने स्वास्थ्य विभाग से मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए बेड़ों को बढ़ाने और सुरक्षा इंतजाम दुरुस्त किए जाने की मांग की हैI