काम में देरी करने पर मुख्यमंत्री ने लिया बड़ा एक्शन

By. राजकुमार सिंह

चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशासनिक सचिवों, जिला उपायुक्तों के साथ राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिए कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने में किसी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए। जिला प्रशासन के अधिकारी अपने विभागों से संबंधित योजनाओं की निरंतर निगरानी करते रहें ताकि जनता को त्वरित सुविधाएं प्रदान की जा सकें

बैठक के दौरान पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों की समीक्षा करने के दौरान जब पाइप लाइन बिछाने के कारण खराब हुई सड़कों और गलियों को ठेकेदारों द्वारा बनाने की ज़िम्मेदारी तय करने का विषय रखा गया तो जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा दिए गए जवाब से मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने ईआईसी आशिम खन्ना और ईसी राजीव बतिश को तुरंत ही दिशा कमेटी की बैठक से बाहर किया और साथ ही दोनों को 5 दिन की कंपल्सरी लीव पर जाने के आदेश दिए। मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि इस प्रकार की सड़कों और गलियों को ठेकेदारों द्वारा बनाया जाना सुनिश्चित किया जाए, क्योंकि यह नियम टेंडर दस्तावेज में पहले से ही उल्लिखित होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर दिशा कमेटी की त्रिमासिक बैठक अवश्य बुलाई जानी चाहिए। यदि किसी कारणवश स्थानीय सांसद बैठक के लिए समय नहीं दे पाते हैं, तो उस स्थिति में जिला उपायुक्त को बैठक बुलाने का अधिकार है। इसलिए सभी बैठक तय स‌मयावधि में होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना की तर्ज पर जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी बनेगी ग्रामीण आवास योजना

मनोहर लाल ने कहा कि गरीब व जरूरतमंदों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के दृष्टिगत राज्य सरकार ने प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सिर पर छत उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों को एक लाख मकान या प्लाट दिए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसी तर्ज पर अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी गरीबों को आवासीय सुविधा उपलब्‍ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना की रूपरेखा तैयार की जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त, राजस्व टीवीएसएन प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल सहित संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।