विभाजन का दंश झेलने वालों को CM ने किया नमन, कहा देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता

ऊधमसिंह नगर में बंग भवन के नाम से बनाया जायेगा सामुदायिक भवन

By. अनिल सती
देहरादून,14 अगस्त। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रपुर में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर विभाजन का दंश झेलने वाले व्यक्तियों को नमन किया। उन्होंने विभाजन की विभीषिका का दर्द सहने वाले तमाम सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

मानवीय संवेदनाओं को तारतार कर दिया
मुख्यमंत्री ने ऊधमसिंह नगर में बंगाली समुदाय के लिए विशिष्ट बंग भवन नाम से एक सामुदायिक भवन का निर्माण किए जाने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि बंगाली अनुसूचित जाति के समुदाय को उत्तराखंड में भी एससी का दर्जा मिल सके, इस संबंध में केंद्र को पुनः प्रस्ताव भेजा जाएगा।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कारण सामने आई परिस्थितियों को देखते हुए भारत दो टुकड़ों में विभक्त हुआ। लाखों लोग इधर से उधर हुए उनका घर-बार छूटा, परिवार छूटा, लाखों की जानें गईं। भारत के लिए यह किसी विभीषिका से कम नहीं थी।  उन्होंने कहा कि भारत के बंटवारे ने सामाजिक एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया था। मुख्यमंत्री विभाजन के दौरान बलिदान हुए लोगों की आत्मिक, शांति एवं श्रद्धांजलि हेतु आयोजित हवन यज्ञ में शामिल हुये।

अलर्ट मोड पर रहें सभी अधिकारी
मुख्यमंत्री ने सोमवार को उच्चाधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि के दृष्टिगत सभी अलर्ट मोड पर रहें। अतिवृष्टि के दृष्टिगत २ दिनों के लिए चारधाम यात्रा भी स्थगित कर दी गई है। ख्यमंत्री ने अतिवृष्टि के कारण जनपद पौड़ी में हताहत हुए लोगों की आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

पर्यावरणविद ने की सीएम से भेंट
मुख्यमंत्री से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में पद्मभूषण एवं पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविद श्री चण्डी प्रसाद भट्ट ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से हिमालय के पर्यावरणीय प्रभावों, आपदा की दृष्टि से बाढ़ आदि की घटनाओं के रोकथाम के संबंध में चर्चा की। मुख्यमंत्री ने श्री भट्ट की अपेक्षानुसार इसरो के साथ विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा पूर्व में चारधाम क्षेत्रों गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ तथा अलकनंदा नदी के जलस्तर पर किये गये अध्ययन रिर्पोटों पर आपदा प्रबंधन की दृष्टि से आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड हिमालयी राज्य होने के नाते यहां की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं।

प्रभावित क्षेत्र का हवाई निरिक्षण
मुख्यमंत्री ने सोमवार को पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्र का हवाई निरिक्षण किया। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा और पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान को प्रभावित लोगों को जल्द से राहत और सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी बरसात के दृष्टिगत चारधाम यात्रा मार्गों पर स्थिति की निरन्तर समीक्षा की जा रही है। उन्होंने बाधित हुई सड़कों की मरम्मत करने के भी निर्देश दिये है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में आपदा से हुई विभिन्न प्रकार की क्षति का व्यापक रूप से आकलन करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।