हमारा लक्ष्य ‘साइबर सक्सेस वर्ल्ड’ का निर्माण करना है, न कि ‘साइबर फेल्योर वर्ल्ड’ का : अमित शाह

कहा, सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी के इनिशिएटिव्स ने भारत को एक  डिजिटल राष्ट्र में बदल दिया

नवराज टाइम्स नेटवर्क

गुरुग्राम, 13 जुलाई– केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज हरियाणा के गुरुग्राम में NFTs, AI और Metaverse के युग में अपराध और सुरक्षा पर G-20 सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। गृह मंत्री ने कहा कि इस वर्ष भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है। भारत का G-20 अध्ययक्षता का विषय वसुधैव कुटुम्बकम् अर्थात वन अर्थ , वन फैमिली ,वन फ्यूचर है, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह वाक्य शायद आज की डिजिटल दुनिया के लिए सबसे अधिक प्रासंगिक है।

PM ने टेक्नोलॉजी के मानवीय पहलू पर जोर दिया

गृह मंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी आज सभी कन्वेंशनल जियोग्राफिकल, पॉलिटिकल और आर्थिक सीमाओं के पार पहुँच चुकी है। हालाँकि टेक्नोलॉजी मानव, कम्युनिटी और देशों को और करीब लाने वाला एक पॉजिटिव डेवलपमेंट है। लेकिन कुछ स्वार्थी वैश्विक ताकतें भी हैं, जो आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुँचाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि साइबर सुरक्षा अब केवल डिजिटल दुनिया तक ही सीमित नहीं है। यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा – वैश्विक सुरक्षा का मामला बन गया है। उन्होंने कहा कि PM Modi ने टेक्नोलॉजी के मानवीय पहलू पर जोर दिया है।

मोबाइल एप्लिकेशन उमंग एप्प लाया गया

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत जमीनी स्तर पर उभरती तकनीकों को अपनाने में अग्रणी रहा है। हमारा उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है। आज 840 मिलियन भारतीयों की ऑनलाइन मौजूदगी है। 2025 तक और 400 मिलियन भारतीय डिजिटल दुनिया में प्रवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में इन्टरनेट कनेक्शन में बढ़ोतरी हुई है और प्रति GB डाटा की लागत में  कमी आई है। भारतनेट के तहत 6 लाख किलोमीटर की ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है। एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन उमंग एप्प लाया गया। सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी के इनिशिएटिव्स ने एक दशक में भारत को एक  डिजिटल राष्ट्र में बदल दिया है।

इंफॉर्मेशन शेयरिंग नेटवर्क के विकास में मदद मिलेगी

उन्होंने कहा कि G-20 ने अब तक आर्थिक दृष्टिकोण से डिजिटल परिवर्तन और डेटा फ्लो पर ध्यान केंद्रित किया है। लेकिन अब क्राइम और सिक्योरिटी आस्पेक्ट्स को समझना और समाधान निकालना बेहद आवश्यक है।हमारा प्रयास है कि NFT, AI, मेटावर्स तथा अन्य इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के युग में कोऑर्डिनेटेड और कोऑपरेटिव तरीके से नए उभरते खतरों के लिए समय पर प्रतिक्रिया देकर हमें आगे रहना है। उन्होंने कहा कि G-20 के मंच पर साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम पर विचार-विमर्श करने से इंटेलिजेंस और इंफॉर्मेशन शेयरिंग नेटवर्क के विकास में मदद मिलेगी। इस सम्मेलन का उद्देश्य डिजिटल पब्लिक गुड्स और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त एवं सुरक्षित बनाने और टेक्नोलॉजी की शक्ति का बेहतर उपयोग करने के लिए एक सुरक्षित, सक्षम अंतरराष्ट्रीय ढाँचे को बढ़ावा देना है।

क्रिप्टो करेंसी परिवर्तन दुनिया के लिए चिंता का विषय

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी कन्वेंशनल सिक्योरिटी चुनौतियों में डायनामाइट से मेटावर्स  और हवाला से क्रिप्टो करेंसी का परिवर्तन दुनिया के देशों के लिए चिंता का विषय है। हम सभी को साथ में मिलकर इसके खिलाफ साझी रणनीति तैयार करनी होगी। आतंकवादी हिंसा को अंजाम देने, युवाओं को रैडिकलाइज़ करने तथा वित्त संसाधन जुटाने के नए तरीके खोज रहे हैं।

आतंकवादियों द्वारा वर्चुअल एसेट्स के रूप में नए तरीकों का उपयोग, फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन के लिए किया जा रहा है।  आतंकवादी अपनी पहचान छिपाने  और रेडिकल मैटेरियल को फ़ैलाने के लिए डार्क-नेट का उपयोग कर रहे हैं।  हमें डार्क-नेट पर चलने वाली इन गतिविधियों के पैटर्न को समझना होगा और उसके उपाय भी ढूँढने होंगे।

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