नृत्य की लय, गति व ताल के साथ जीवन की लय, गति व ताल भी सध जाये तो जीवन सफल : स्वामी

नवराज टाइम्स नेटवर्क      

ऋषिकेश,15नवंबर। परमार्थ निकेतन में पांचवें ऐतिहासिक सांस्कृतिक संगीत महोत्सव का परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सान्निध्य में दीप प्रज्वलित कर विधिवत दो दिवसीय संगीत संध्या का शुभारम्भ किया।

आठ शास्त्रीय नृत्य विधायें

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि शास्त्रीय संगीत व नृत्य भारत की गौरवशाली परम्परा रही है। भारत के शास्त्रीय नृत्य का प्रथम स्रोत हमें भरत मुनिजी के नाट्यशास्त्र से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि नृत्य की लय, गति व ताल के साथ जीवन की लय, गति व ताल भी सध जाये तो जीवन सफल हो जायेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय शास्त्रीय नृत्य विधाओं का समृद्ध और सांस्कृतिक इतिहास रहा है। भारत की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने और विश्व स्तर पर सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने के लिये इन नृत्य विधाओं का संरक्षण और प्रचार किया जाना आवश्यक है। भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिये पूरी दुनिया में जाना जाता है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत हमारी गौरवशाली विरासत है।

उभरते कलाकारों को अवसर

उन्होंने कहा कि भारतीय शास्त्रीय नृत्यों व संगीत की विधाओं को विकसित करने और परिष्कृत करने हेतु हजारों वर्ष लगे हैं। भारत में आठ शास्त्रीय नृत्य विधायें हैं और इनमें से प्रत्येक नृत्य विधा की अपनी अनूठी शैली, इतिहास और सांस्कृतिक महत्त्व है। परमार्थ निकेतन में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी पंडित चंद्र कुमार मलिक मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा दो दिवसीय संगीत सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड के कलाकारों और संगीत की ऐतिहासिक संस्कृति को एक मंच प्रदान करना है। साथ ही परमार्थ निकेतन के दिव्य मंच पर देश विदेश की संस्कृति व संगीत के आदान-प्रदान के साथ नये उभरते कलाकारों को अवसर प्रदान करना है।

प्रथम दिवसीय कार्यक्रम में उड़िसा से नृत्यांगना सिलरी लेंका, टिहरी गढ़वाल शास्त्रीय गायन डा विकास उनके साथ तबले पर महाराष्ट्र के संतोष कुमार, हार्मोनियम पर प्रभात कुमार और अन्य कलाकारों ने मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुतियाँ दी। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कलाकारों को सर्टिफिकेट्स प्रदान कर उनकी कला का अभिनन्दन किया। स्वामी जी ने संगीत के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश प्रसारित करने हेतु प्रेरित किया ।