हरिद्वार जेल में सभी धर्मों के कैदी मिलकर करते हैं रामलीला का अनूठा मंचन

हिंदू,मुस्लिम,सिख और ईसाई सहित सभी धर्मों के कैदी रामलीला के किरदारों की निभा रहे हैं भूमिका

By. कुलदीप सिंह

हरिद्वार,22अक्टूबर। इन दिनों देश भर में मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्री राम की लीलाओं का मंचन हो रहा है। लेकिन हरिद्वार में एक अनूठी रामलीला का मंचन देख कर हर कोई हैरान दिखाई दे रहा है जी हां हम बात कर रहे हैं हरिद्वार जेल की, जहां पर कैदियों द्वारा रामलीला का मंचन किया जा रहा है। वैसे तो जेल का नाम सुनते ही वहां खूंखार अपराधियों का ध्यान आता है। लेकिन इन दिनों जेल परिसर भगवान श्री राम की आस्था में डूबा हुआ दिखाई दे रहा है। वही कैदी भी आस्था के इस सागर में डुबकी लगाकर आनंद की मानव अनुभूति महसूस कर रहे हैं।  

एक माह पहले से प्रेक्टिस 

आपको बता दें कि हरिद्वार जेल में श्री राम लक्ष्मण सहित रामलीला के अन्य किरदारों की भूमिका जेल के कैदी निभा रहे हैं। बड़ी बात तो यह देखने में आई है कि इस रामलीला के मंचन में हिंदू धर्म सहित अन्य धर्म के कैदी भी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं और रामलीला के किरदारों की बड़े अदब के साथ भूमिका निभा रहे हैं। कैदी रामलीला के लिए एक माह पहले से प्रेक्टिस करना शुरू कर देते है और उनकी मेहनत का परिणाम रामलीला मंचन में देखने को मिलता है। जेल के बंदी पूरी श्रद्धा के साथ रामलीला को देखते है।

स्वभाव में भी आता है बदलाव

राम की भूमिका निभा रहे कलाकार का कहना है कि हम सभी बंदी मिलकर एक महीने तक इसकी प्रैक्टिस करते हैं और जब से यहां पर ये जेल अधीक्षक आए हैं तब से यहां पर रामलीला का आयोजन हो रहा है। मुझे तीसरा साल हो गया है राम का किरदार करते हुए। ऐसा लगता ही नहीं कि हम जेल में है। ऐसा लगता है कि जैसे कहीं हम खुले में अच्छी जगह पर मंचन कर रहे हैं। जिस तरह से राम के किरदार को लक्ष्मण के किरदार को लोग देखते हैं लोगों की भावनाओं में और उनके स्वभाव में भी बदलाव आता है। बाहर जाकर ऐसी गलतियां न हो इसके लिए यहां पर सभी लोग संकल्प लेते हैं।

सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल

जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य का कहना है कि जेल में पूरा आध्यात्मिक वातावरण है और शारदीय नवरात्र में ही रामलीला का आयोजन होता है। निश्चित रूप से पूरा माहौल राममय हो जाता है लोग बहुत चाव से बहुत श्रद्धा से और शांति से पूरी रामलीला देखते हैं। यहां पर एक सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल भी निर्मित होता है। किसी भी धर्म का कोई बंदी ऐसा नहीं है जो रामलीला में प्रतिभाग नहीं करता हो जो हमारे कलाकार हैं वह सभी धर्म के कलाकार हैं।

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