श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से जन्म जन्मांतर के विकार हो जाते हैं नष्ट : संत वेदांत पुरी महाराज

By. अंकित शर्मा  

कुरूक्षेत्र,3 दिसंबर। राजेन्द्र नगर स्थित श्रीअद्वैत स्वरुप अनंत आश्रम नंगली वाली कुटिया में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ आश्रम के संचालक संत प्रकाश पुरी महाराज एवं संत अगम पुरी महाराज ने दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर आयोजित की गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं पीले वस्त्र धारण कर व सिर पर कलश लेकर शामिल हुई।

जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट

कथा व्यास संत वेदांत पुरी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ऐसी कथा है, जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत कथा होती है, इससे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दृष्ट प्रवृतियों से मुक्त होकर सकारात्मक ऊर्जा से सशक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है, जब इसे हम अपने जीवन और व्यवहार में धारण करें। श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है।

जगह-जगह कलश यात्रा का स्वागत

मंच का संचालन चंद्र प्रकाश धमीजा ने किया। आश्रम के प्रवक्ता महात्मा दिव्यानंद ने बताया कि कथा का समय सोमवार को 3 से 6 बजे तक रहेगा। कथा का 10 दिसंबर रविवार को सुबह 9 बजे हवन यज्ञ एवं भंडारे के साथ समापन होगा। आज कलश यात्रा कुटिया से शुरू होकर रैड रोड सैक्टर- 17, गीता स्कूल मार्किट रूद्रा सिनेमा से वापिस आश्रम पहुंची। जगह-जगह कलश यात्रा का स्वागत किया गया और प्रशाद वितरित किया गया।