नवराज टाइम्स नेटवर्क
कालका, 9 अप्रैल। वैसे तो इस आधुनिक युग में लड़किया हर फील्ड में आगे हैं। लेकिन कुछ जॉब प्रोफाइल ऐसा हैं,जिसमें लड़कियों को काम करते हुए देखकर लोग हैरान रह जाते हैं। इसी कड़ी के तहत वल्र्ड हैरिटेज में शामिल कालका शिमला ट्रैक पर टॉय ट्रेन की कमान एक महिला के हाथ में देखकर देश व विदेशों से आने वाले सैलानी हैरान रह जाते हैं। रेल खंड के एक सदी से भी ज्यादा समय के इतिहास में यह पहला मौका है जब टॉय ट्रेन के ड्राइवर की सीट पर कोई अविवाहित लडक़ी बैठी हुई दिखाई दी हो।
जानकारी के अनुसार लोको पायलट प्रिया का जन्म वर्ष 1990 में उत्तर प्रदेश के जिला चंदौली में साधारण परिवार में हुआ था और प्रिया के पिता किसान हैं। प्रिया ने गाजियाबाद से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। लेकिन इसके बाद इंजीनियरिंग सहित महिला प्रोफाइल को छोडकर उसने रेलवे में ट्रेन ड्राइवर के पद पर भर्ती होने का मन बनाया और जल्द ही उसे कामयाबी भी मिल गई।
लोको पायलट प्रिया ने बताया कि वह तीन बहनों में सबसे छोटी है। उन्होंने बताया कि वह शुरू से ही कुछ अलग करना चाहती थी,जिससे उसने पुरूषों की प्रोफाइल माने जाने वाला लोको पायलट बनने का निर्णय लिया। उस समय तो यह काम कुछ मुश्किल भी लगता था,लेकिन मेहनत व उसके परिवार के सहयोग ने इसे आसान कर दिया। उन्होंने बताया कि रेलवे में बतौर लोको पायलट के तौर पर वर्ष 2019 में अंबाला में ज्वाइन किया था। उन्होंने बताया कि उन्हे नेचर से लगाव होने के चलते उन्होंने कालका का ट्रांसफर ले लिया।
विदेशी टूरिस्ट भी हैरान
प्रिया ने बताया कि अकसर उनकी डयूटी कालका शिमला रेल मार्ग पर चलने वाली टॉय ट्रेन चलाने के लिए भी लगती रहती है। इस दौरान अलग अलग स्टेशनों पर सैलानियों की नजर इंजन की तरफ पड़ती है तो लडक़ी को गाडी चलाते हुए देखकर वह हैरान रह जाते हैं। कई बार तो बच्चें अपने पेरेंट्स को बताते हैं और उसके बाद पेरेट्स अपने बच्चों सहित इंजन के पास पहुंच कर उनसे बातें करते हैं,फोटो खिचवाते हैं,जिससे अच्छा लगता है। यही नहीं विदेशी सैलानी भी हैरान रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि इससे विदेशों में भी एक अच्छा मैसेज जाता है कि भारत में लड़कियां न केवल सुरक्षित हैं,बल्कि लडक़ों की तरह तरह प्रोफाइल्स में बुलंद हौसले के साथ कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों को यह मान कर चलना चाहिए कि वह किसी भी अच्छी प्रोफाइल में न केवल काम कर सकती है,बल्कि कामयाबी की बुलंदीयों को भी छू सकती है।